महंगे डीजल के विरोध में सड़क पर उतरे ट्रांसपोर्टर
साइबर सिटी के ट्रांसपोर्टर डीजल की महंगाई के विरोध में सोमवार को सड़क पर उतरे। इनका कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौर में डीजल और पेट्रोल के भाव आसमान छू रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम: साइबर सिटी के ट्रांसपोर्टर डीजल की महंगाई के विरोध में सोमवार को सड़क पर उतरे। इनका कहना है कि कोविड-19 महामारी के दौर में डीजल और पेट्रोल के भाव आसमान छू रहे हैं। ऐसी स्थिति में ट्रांसपोर्ट क्षेत्र का कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। बात सिर्फ डीजल तक ही सीमित नहीं है। ई-वे बिल को लेकर भी दिक्कत आ रही है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह उनकी समस्याओं के समाधान के प्रति उदासीनता बरत रही है। शहर के ट्रांसपोर्टर राजीव चौक पर एकत्र हुए और वहीं से लघु सचिवालय पहुंच उपायुक्त कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के नाम ज्ञापन दिए। सभी हाथ में काली पट्टी बांधकर पहुंचे थे।
ट्रांसपोर्टरों ने विरोध प्रदर्शन के दौरान अपने हाथों में संदेश लिखी तख्तियां लेकर विरोध जता रहे थे। इनका कहना है कि जब से कोविड-19 ने देश में दस्तक दी है, तभी से उनका काम बेपटरी हो चुका है। ऐसी स्थिति में राहत देने के स्थान पर उनकी राह को और मुश्किल किया जा रहा है। डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। इससे माल ढुलाई का काम उनके लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है। इनका कहना है कि बैंकों द्वारा लगातार किश्तों की वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है। गाड़ियां चल नहीं रही हैं, ऐसे में किस्त भरना मुश्किल हो गया है। इस मामले में राहत देने के लिए बार-बार मांग की जा रही है, लेकिन सरकार सुनवाई नहीं कर रही है।
गुड़गांव ट्रांसपोर्टर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एचसी शर्मा ने बताया कि उपायुक्त डा. यश गर्ग की गैर-मौजूदगी में उनके कार्यालय में ज्ञापन दिया गया। इसमें केंद्र सरकार से मांग की गई है कि उनकी सभी समस्याओं का त्वरित प्रभाव से निदान किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई, आक्सीजन को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने में ट्रांसपोर्ट ने लाइफलाइन की तरह से काम किया है। ऐसे में इस महत्वपूर्ण क्षेत्र को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। एसोसिएशन के महासचिव प्रदीप मोदी ने कहा कि ट्रांसपोर्ट क्षेत्र की हालत काफी खराब है। डीजल के बढ़ते दाम को त्वरित प्रभाव से नियंत्रित किया जाए।