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Afghanistan Crisis: वीजा एक्सपायर होने में कुछ दिन बाकी, अफगानी छात्र नहीं चाहता वतन लौटना

तालिबानियों से पूरा ढांचा तहस-नहस कर दिया है। वीजा एक्सपायर हाेने वाला है चाहता हूं कि विवि मेरी मदद करे। ताकि आगे की पढ़ाई को जारी रख सकूं। अफगानी छात्र यह बताते हुए भावुक हो जाता है। तालिबान की तानाशाही के चलते अपने ही वतन लौटना नहीं चाहता।

By Manoj KumarEdited By: Updated: Sun, 26 Sep 2021 03:44 PM (IST)
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अफगानिस्‍तान छात्र बोला- स्वदेश में हालात अच्छे नहीं विश्वविद्यालय प्रशासन मदद करे तो यहीं से करेंगे पीएचडी
केएस मोबिन, रोहतक : महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) मेरा दूसरा घर है। यहां सिर्फ डिग्री नहीं की, जीने का सलीका सीखा है। रोहतक में दो वर्षाें के दौरान एक पूरी नई दुनिया को जी लिया है। पीजी डिग्री के बाद यहीं से पीएचडी करने का इच्छुक हूं। सब सही चल रहा था, सोचा था कि पढ़ लिखकर स्वदेश में कुछ अच्छा करेंगे। लेकिन, हालात बिगड़ गए। तालिबानियों से पूरा ढांचा तहस-नहस कर दिया है। वीजा एक्सपायर हाेने वाला है, चाहता हूं कि विवि मेरी मदद करे। ताकि, आगे की पढ़ाई को जारी रख सकूं। अफगानी छात्र यह बताते हुए भावुक हो जाता है। तालिबान की तानाशाही के चलते अपने ही वतन लौटना नहीं चाहता। उसे उम्मीद है कि एमडीयू प्रशासन आगे की पढ़ाई के लिए मदद करेगा।

अफगानिस्तान के बघलान प्रांत निवासी छात्र ने विवि के मानविकी संकाय से प्रथम श्रेणी में एमए किया है। इसी माह फाइनल परीक्षा परिणाम आया है। छात्र का कहना है कि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने अफगानी छात्रों की मदद की घोषणा की थी। लेकिन, एमडीयू प्रशासन ने किसी भी अफगानी छात्र की मदद के लिए कोई कदम नहीं उठाया। यहां के विद्यार्थी संगठनों ने जरूर हमारी आवाज उठाई और मदद के लिए भी आगे आए। छात्र का दावा है कि अफगानिस्तान में आए संकट के दौरान एमडीयू के इंटरनेशनल हास्टल में रहने के लिए उनसे चार्ज मांगा गया। उपमुख्यमंत्री के आश्वासन के उलट विवि अधिकारियों ने बर्ताव किया। अफगानिस्तान में परेशानी के चलते माता-पिता खर्च के लिए रुपये भी नहीं भेज पा रहे हैं। ऐसे में वह असहाय हो गए हैं। जैसे-तैसे वीजा के जरिए रुपये का इंतजाम करते हैं। लेकिन, दूसरे देश में यह नाकाफी है।

एमडीयू ने वापस लिया आइडी कार्ड

छात्र का कहना है कि एमडीयू की लाइब्रेरी में यूनिवर्सिटी आइडी कार्ड को वापस ले लिया है। अब उनके पास विवि का कोई पुख्ता दस्तावेज नहीं बचा है। विवि अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया तो बोला गया कि वह अब एमडीयू के छात्र नहीं है। हास्टल देने से मना कर दिया गया। भारत में अब उनका कोई संरक्षक नहीं रह गया है। विवि के एक छात्र नेता ने उन्हें अपने निवास पर रहने को जगह दी है। करीब एक माह से उन्हीं के साथ रह रहा है। एमडीयू के अन्य अफगानी छात्र भी विवि के हास्टल में नहीं रह रहे हैं।

:::अफगानिस्तान के सभी छात्रों की हरसंभव मदद की जाएगी। हमारा संगठन हालिया अफगान संकट के पहले दिन से ही अफगानी विद्यार्थियों के संपर्क में है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला स्वयं अफगानी विद्यार्थियाें की मदद की बात कही है। कहीं कोई समस्या है उसे दूर किया जाएगा। एमडीयू प्रशासन को अफगानी विद्यार्थियों समस्याओं से अवगत कराएंगे।

- प्रदीप देशवाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडियन नेशनल स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन।

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