Jhajjar News: छारा में जिस अखाड़े से निकले ओलिंपियन बजरंग व दीपक, वहीं पर हुआ अभिनंदन, जानें संघर्ष की कहानी
झज्जर कार्यक्रम में ओलिंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने इस अखाड़े में कुश्ती के शुरूआत के दिनों को याद करते हुए कहा कि वे सुबह उठकर सबसे पहले अखाड़े में साफ-सफाई करते थे। उनके मन में यह भाव कभी नहीं थे कि वे यह काम क्यों करें।
By Naveen DalalEdited By: Updated: Sun, 07 Nov 2021 08:06 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। झज्जर के छारा गांव में स्थित लाला दीवानचंद कुश्ती एवं योगा केंद्र में रविवार का दिन यादगार रहा। कभी इसी अखाड़े से कुश्ती की शुरूआत करने वाले ओलिंपियन बजरंग पूनिया और दीपक पूनिया का यहां पर अभिनंदन किया गया। टोक्यो ओलिंपिक के बाद अखाड़े में पहुंचे इन दोनों पहलवानों का बचपन इसी अखाड़े में दांव-पेंच सीखते हुए बीता। इसके साथ ही सिविल सर्विसेज परीक्षा में 51वां रैंक हासिल करने वाली भिवानी की निशा ग्रेवाल काे भी यहां पर सम्मानित किया गया। उनका छारा में ननिहाल है। एक साथ तीनों प्रतिभाओं को अपने बीच पाकर सभी खिलाड़ी व ग्रामीण भी गदगद थे। अखाड़े के कोच आर्य वीरेंद्र पहलवान ने तीनों को चांदी की गदा भेंट की।
बजरंग व दीपक ने सांझा किए अनुभव और अतीत की यादेंकार्यक्रम में ओलिंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने इस अखाड़े में कुश्ती के शुरूआत के दिनों को याद करते हुए कहा कि वे सुबह उठकर सबसे पहले अखाड़े में साफ-सफाई करते थे। उनके मन में यह भाव कभी नहीं थे कि वे यह काम क्यों करें। बजरंग ने कहा कि अगर जीवन में आगे बढ़ना है तो मेहनत पर ध्यान दो। वहीं सिविल सर्विसेज में सफल निशा ग्रेवाल ने कहा कि सभी परिवार अपने बच्चों को शिक्षा या खेल में आगे ले जाने पर ध्यान दें। उनको कड़ी मेहनत की आदत डालें। ताकि वे सफल हो सके।
प्रतिभा को महाबली सतपाल पहलवान ने निखार दियाओलिंपियन दीपक पूनिया ने कहा कि वे ओलंपिक में पदक नहीं जीत पाए। इससे हर देशवासी को निराशा जरूर हुई है, लेकिन इन उम्मीदों को पूरा करने के लिए वे और मेहनत करेंगे और अगली बार पदक जरूर जीतेंगे। उन्होंने अपने इस मुकाम का श्रेय अपने पहले कोच आर्य वीरेंद्र पहलवान को दिया और कहा कि उनकी यहां पर शून्य से शुरूआत हुई थी। अखाड़े के कोच वीरेंद्र पहलवान ने कहा कि बजरंग और दीपक दोनों ही शुरूआत से ही मेहनती रहें हैं। बाद में उनकी प्रतिभा को महाबली सतपाल पहलवान ने निखार दिया।
ये रहे मौजूदकार्यक्रम में महाबली सतपाल पहलवान, द्रोणाचार्य अवार्डी ओमप्रकाश दहिया, द्रोणाचार्य अवार्डी रामफल मान, ओलिंपियन ज्ञान सिंह, ओलिंपियन एवं महिला कुश्ती टीम प्रमुख कुलदीप मलिक, द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फोगाट, 14 गांवों के प्रधान साहब सिंह, 12 गांव के प्रधान उमेद सिंह देशवाल, कैप्टन मान सिंह, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता तेजपाल दलाल, शिक्षाविद डीपी दहिया, आचार्य हनुमंत प्रसाद उपाध्याय प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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