बिग बॉस फेम रोहतक के पहलवान संग्राम सिंह को गोवा में मिली डी-लिट की उपाधि
गोवा में संग्राम सिंह को डी-लिट के अलावा नेलसन मंडेला ग्लोबल पीस अवार्ड से भी नवाजा गया। इस समारोह में टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस समेत देश के अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया था।
रोहतक [ओपी वशिष्ठ]। टीवी रियलिटी शो बिग बॉस फेम पहलवान, फिटनेस गुरु व मोटिवेशन स्पीकर संग्राम सिंह के नाम के सामने अब डाक्टर लग गया है। उनको गोवा में द अमेरिकन यूनिवर्सिटी ने डाक्टर आफ फिलोसोपी यानि डि-लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया। गोवा में रविवार शाम को आयोजित इस समारेाह का शुभारंभ राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने किया। साथ ही, संग्राम सिंह को नेलसन मंडेला ग्लोबल पीस अवार्ड से भी नवाजा गया। इस समारोह में टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस समेत देश के अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतर काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया था।
बचपन में बीमारी के कारण आठ साल चलने-फिरने में लाचार रहे थे
संग्राम सिंह मूल रूप से जिला के गांव मदीना के निवासी हैं। बचपन में करीब आठ साल बीमारी के कारण चलने-फिरने में लाचार रहने के बाद भी संग्राम सिंह ने हिम्मत नहीं हारी। गांव के अखाड़े में कुश्ती खेलना शुरू किया। लेकिन साथी, उसकी कमजोरी का मजाक उड़ाते थे। लेकिन उन्होंने खुद को साबित किया। कुश्ती में अनेकों पदक जीतने के बाद प्रोफेशनल कुश्ती खेलनी शुरू की। वर्ष 2015 में संग्राम ने दक्षिण अफ्रीका में डेथ वारंट साइन कर कॉमनवेल्थ हेवी वेट फाइटिंग में बेल्ट हासिल की। काफी समय से संग्राम सिंह फिटनेस और मोटिवेशन स्पीकर के तौर पर काम कर रहे हैं। फिटनेस को लेकर उन्होंने अपना यू-ट्यूब चैनल भी बना रखा है। इस पर वो फिटनेस से संंबंधित वीडियो अपलोड करते हैं। यूनिवर्सिटी ने उनके फिटनेस, कुश्ती की उपलब्धियों व मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर डी-लिट की उपाधि से नवाजा गया है।
संग्राम सिंह की उपलब्धियां
- 2003 सीनियर पुरूष वर्ग ग्रीको रोमन स्टाइल कुश्ती नेशनल में दूसरा स्थान
- 2005 वर्ल्ड सीनियर चैंपियनशिप, हंगरी
- 2006 जोनी रेज बिग फाइव रेसलिंग प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल, साऊथ अफ्रीका
- 2007 ऑल इंडिया ओपन रेसलिंग चैंपियनिशप में स्वर्ण पदक, दिल्ली
इन अवार्ड से हो चुके सम्मानित
- 2012 में वर्ल्ड बेस्ट रेसलर
- 2010 में राजीव गांधी राष्ट्रीय एकता सम्मान
- 2010 में क्राउन अवार्ड, यंग मैन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की तरफ से
बचपन का सपना पूरा हुआ : संग्राम सिंह
संग्राम सिंह ने मोबाइल पर दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए बताया कि गांव के सरकारी स्कूल में प्रारंभिक पढाई की। इसके बाद रोहतक एमडीयू में शिक्षा ग्रहण की। नाम के आगे डाक्टर लिखना उनका बचपन का सपना था। लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के चलते वह न तो मेडिकल की पढ़ाई कर सके और न ही पीएचडी तक शिक्षा हासिल कर पाए। लेकिन द अमेरिकन यूनिवर्सिटी ने उनको डी-लिट की उपाधि देकर इस सपने को पूरा कर दिया है।