मुक्केबाज मनदीप जांगड़ा 25 मार्च को खेलेंगे तीसरा पेशेवर मुकाबला
अमेरिका में मैक्सिकन के बाक्सर के साथ मनदीप जांगड़ा का मैच।
By JagranEdited By: Updated: Thu, 24 Mar 2022 08:34 PM (IST)
अमेरिका में मैक्सिकन के बाक्सर से भिड़ेंगे
नौ माह से अमेरिका में सीख रहे बाक्सिंग की बारीकियां जागरण संवाददाता, हिसार : अर्जुन अवार्डी बाक्सर मनदीप जांगड़ा पेशेवर बाक्सर बन गए हैं, जो अब 25 मार्च को अपना तीसरा पेशेवर मुकाबला खेलेंगे। अमेरिका में होने वाले इस मुकाबले में उनका सामना मैक्सिकन के बाक्सर से होगा। इससे पहले खेले गए दो पेशेवर मुकाबलों में मनदीप ने जीत हासिल कर देश और दुनिया में बाक्सिंग में खूब वाहवाही लूटी है। मनदीप का यह मुकाबला जून में आयोजित होने वाले बड़ी पेशेवर मुकाबले में एंट्री का सीधे तौर पर टिकट होगा। ऐसे में इस फाइट को जीतने के लिए मनदीप नौ माह से अमेरिका में बाक्सिंग की बारीकियां सीखने के साथ-साथ कड़ी मेहनत कर रहे हैं।
राष्ट्रमंडल खेलों में पदक विजेता और अर्जुन अवार्डी मनदीप सिंह हिसार के निवासी हैं। उनका परिवार हिसार के सेक्टर-15 में रहता है। पिता कृष्ण कुमार बिल्डर हैं, मां गृहिणी हैं। हिसार की बाक्सिंग रिग से ही मनदीप में अपने बाक्सिंग करियर को आगे बढ़ाया था। उन्होंने हिसार में खेल की बारीकियां सीखीं और एक के बाद एक अपनी कड़ी मेहनत से सफलताएं हासिल की। वर्तमान में आयकर विभाग में बतौर इंस्पेक्टर कार्यरत मनदीप जांगड़ा अब पेशेवर बाक्सर बन चुके हैं। अब वे अपने पंच का पेशेवर बाक्सिंग में दम दिखा रहे हैं, जहां फाइट कहीं अधिक मुश्किल हो जाती है।
12-12 राउंड के हो चुके हैं मुकाबले मनदीप जांगड़ा पेशेवर बाक्सिंग में 12-12 राउंड के मुकाबले खेल चुके हैं। खेल विभाग व संघ की ओर से आयोजित होने वाले मुकाबले और पेशेवर मुकाबलों में काफी अंतर है। ऐसे में मनदीप जांगड़ा पिछले नौ माह से अमेरिका में ही खेल अभ्यास कर रहे हैं। जांगड़ा ने शौकिया तौर पर 165 पाउंड में मुकाबले खेले लेकिन पेशेवर में अब वे 135 पाउंड में लड़ रहे हैं।
पेशेवर बाक्सिंग में सुधार रहे अपनी रैंकिग मनदीप जांगड़ा ने कहा कि पेशेवर बाक्सिंग में अपनी रैंकिग सुधारना ही उनका लक्ष्य है। अब तक वे अर्जेनटीना और अमेरिका के बाक्सर को हरा चुके हैं। मनदीप ने बताया कि हिसार भारतीय खेल प्राधिकरण में मुक्केबाजी खेलना शुरू किया, तब उनकी आयु 11 साल की थी। पहली बार जब मुक्केबाजी में हाथ आजमाया तो उसके बदले में पिता से मार खानी पड़ी थी। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि मुक्केबाजी में अपना करियर बनाएंगे। आज पेशेवर बाक्सिंग खेल रहे हैं और दो जीत भी हासिल की, जो गर्व की बात है।
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