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ब्रेन ट्यूमर का मतलब कैंसर नहीं, समय से सर्जरी कराने पर मिल सकती है नई जिंदगी

ब्रेन ट्यूमर का मतलब कैंसर नहीं होता है। बस इसकी समय पर पहचान और उचित समय पर सर्जरी कराने की जरूरत होती है। समय पर इसकी सर्जरी से मरीज को नई जिंदगी मिल सकती है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Mon, 08 Jun 2020 12:24 PM (IST)
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ब्रेन ट्यूमर का मतलब कैंसर नहीं, समय से सर्जरी कराने पर मिल सकती है नई जिंदगी

रोहतक, [पुनीत शर्मा]। ब्रेन ट्यूमर का नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में एक ही बात आती है कि मरीज अधिक समय तक जिंदा नहीं रहेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा कुछ नहीं है और ऐसा मामले सामने आने के बाद घबराने की बजाए हौसले से काम लेने की जरूरत होती है। चिकित्सकों की राय में ब्रेन ट्यूमर का मतलब कैंसर ही नहीं होता। समय पर इसका पता लगना और सही समय पर इसकी सर्जरी मरीज को नई जिंदगी दे सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रेन ट्यूमर दो तरह का होता है। कई बार मरीजों को सामान्य ट्यूमर भी होता है। इसे सर्जरी से निकाला जा सकता है। रोहतक पीजीआइ में हर साल करीब 200 मरीजों की ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी होती है। इनमें से आधे मरीज ही ब्रेन कैंसर के शिकार होते हैं।

लाेगों को इस बीमार से जागरूक करने लिए 8 जून को विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस मनाया जाता है। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) में प्रतिवर्ष करीब 500 मरीजों की ब्रेन सर्जरी होती है। हालांकि इनमें से 60 फीसद मरीज ऐसे होते हैं, जिन्हें सड़क दुर्घटना के कारण सर्जरी की जरूरत पड़ती है, जबकि 40 फीसद मरीजों को ब्रेन ट्यूमर की बीमारी होती है।

न्यूरो सर्जरी विभाग के चिकित्सक के अनुसार ब्रेन ट्यूमर के मरीजों में करीब 50 फीसद मरीजों को ही मलिग्नेंट ब्रेन ट्यूमर (कैंसर वाला ट्यूमर) होता है। शेष को बिनाइन ब्रेन ट्यूमर (सामान्य ट्यूमर या नसों का एक जगह इकट्ठा हो जाना) होता है। बिनाइन ट्यूमर की दशा में मरीज की सर्जरी कर आसानी से निकाला जा सकता है। जबकि मलिग्नेंट ब्रेन ट्यूमर को एक बार निकालने के बाद यह दोबारा फैल सकता है।

लोगों में गलत अवधारणा कि यदि हुआ ट्यूमर को नहीं बचेगा मरीज

चिकित्सकों के मुताबिक अभी भी लोग ट्यूमर का इलाज कराने के लिए आगे नहीं आते हैं। उनका मानना है कि ट्यूमर का इलाज नहीं है और मरीज की जान भी नहीं बचती है। पीजीआइ में तीन दिन पहले पहुंचे एक मरीज को चिकित्सकों ने ब्रेन ट्यूमर घोषित कर परिजनों को जानकारी दी। इसके बाद परिजन मरीज को बिना इलाज कराए ही घर लेकर चले गए। चिकित्सकों ने लोगों से अपील की है कि आज के समय में ट्यूमर का इलाज संभव है। बस आवश्यकता है समय से इलाज और लापरवाही न बरतने की।

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''लोगों को धारणा बदलने की जरूरत है कि ब्रेन ट्यूमर का मतलब कैंसर ही होता है। लोग समय से इलाज करा लें तो मरीज के ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।

- डा. ईश्वर सिंह, सीनियर प्रोफेसर, न्यूरो सर्जरी, पीजीआइ। 

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