हिसार में बदली सेंट्रल जेल की तस्वीर, सलाखों के पीछे तैयार हो रहे ग्रेजुएट
हिसार सेंट्रल जेल की तस्वीर अब बदल रही है। जेल अधीक्षक को परेड के दौरान कुछ कैदी अनपढ़ मिले तो उन्होंने प्रौढ़ शिक्षा अभियान शुरू किया। जिसके तहत पढ़े लिखे कैदी ही अनपढ़ कैदियों को पढ़ा रहे हैं।
हिसार, [सुभाष चंद्र]। कहते है जज्बा हो और कोशिश करो तो विपरित परिस्थतियों में भी कामयाबी हासिल की जा सकती है। कुछ ऐसी ही कोशिश कर रहे है हिसार की सेंट्रल जेल एक और दो के कैदी। सेंट्रल जेल एक में और दो में इस वर्ष 200 के करीब कैदी 10वीं, 12वीं और बीए प्रथम में उतीर्ण हुए है। इन दोनों ही जेलों में जेल अधीक्षकों ने शिक्षा की अलख जगाई। जिसके बाद यहां कैदियों ने पढ़ाई में रुचि दिखाई है।
परेड के दौरान मिले अनपढ़ कैदी
सेंट्रल जेल एक में तो जेल अधीक्षक दीपक को परेड के दौरान कुछ कैदी ऐसे मिले, जिन्हें पढ़ना नहीं आता था। जिसके बाद उन्होंने जेल में प्रौढ़ शिक्षा नाम से कैदियों को पढ़ाने का अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत जेल में पढ़े लिखे कैदी ही दूसरे कैदियों को पढ़ा रहे है। जेल में ऐसे 120 कैदियों की पहचान की गई, जो अनपढ़ है, जिन्हें अब पढ़ाया जा रहा है। जेल अधीक्षक ने 20-20 कैदियों के बैच बनाकर पढ़ाई शुरु करवा दी है। यहां कुछ कैदी जो अनपढ़ थे उन्हें क, ख, ग लिखना, ए,बी,सी,डी बोलनी भी आ गई है। वहीं सेंट्रल जेल एक और दो में नेशनल ओपन स्कूल से 10वीं और 12वीं की पढ़ाई करवाई जा रही है, साथ ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की तरफ से बीए करवाई जा रही है। काेरोना काल में यहां सुचारु रूप से कक्षाएं तो नहीं लग पाई। हालांकि कोरोना नियमों की पालना के साथ परीक्षाएं दिलवाई गई थी। वहीं अब फाइनल परीक्षाएं चल रही है।
सेंट्रल जेल-1 में कैदियों द्वारा बनाया गया फर्नीचर।
सेंट्रल जेल दो में 38 ने 10वीं की और 40 ने बीए प्रथम की परीक्षा की पास
हिसार की सेंट्रल जेल-2 में भी जेल-1 की तरह ही कैदियों को सुधारने के लिए यहां पढ़ाई करवाई जा रही है। सेंट्रल जेल-2 में वर्ष 2021 में 38 कैदियों ने दसवीं की परीक्षा पास की, वहीं 21 ने 12वीं की परीक्षा पास की है। जबकि 40 कैदियों ने बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा पास की है। यहां एक पुरुष और एक महिला शिक्षक है जो कैदियों और बंदियों को पढ़ाई करवाते है। इच्छूक कैदी पढ़ाई करके यहां कई कार्यों की ट्रेनिंग भी ले रहे है, जिससे वे बाद में अपना खुद का रोजगार भी स्थापित कर पाएंगे। सेंट्रल जेल दो से जेल अधीक्षक दयानंद ने बताया कि उनके पास एक महिला टीचर और पुरुष टीचर है जो 10वीं, 12वीं और इग्नू के अंतर्गत कैदियों को पढ़ाते है। समय-समय पर वे खुद भी कैदियों को पढ़ने के लिए प्रेरित करते रहते है।
जेल में बनाया जा रहा है फर्नीचर
हिसार सेंट्रल जेल-1 के जेल अधीक्षक दीपक ने बताया कि दोनों जेलों में ट्रेनिंग लेकर कैदियों ने टेंट बनाने, सामान्य कुर्सिया और रिवोल्विंग चेयर बनाने काम किया है। दूसरी और फर्नीचर भी कैदी बना रहे है। जेल में परेड ली तो कई कैदी ऐसे मिले, जिन्हें पढ़ना नहीं आता था। उस दौरान आइडिया आया जेल में जितने भी कैदी है, उन सभी को पढ़ना आना चाहिए। इसके बाद प्रौढ़ शिक्षा अभियान शुरु किया गया है।
हिसार सेंट्रल जेल-1 के जेल अधीक्षक दीपक।
उन्होंने आगे कहा कि अब तक इसमें 120 कैदी पढ़ाई करने लगे है। जिन्हें बिलकुल पढ़ना नहीं आता था, वे अब क, ख, ग लिखना, बोलना, अपना नाम लिखना और हस्ताक्षर करना सीख गए है। वहीं 10वीं, 12वीं और बीए प्रथम की पढ़ाई भी जारी है।
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