Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Hisar News: रेफरल सेंटर बना नागरिक अस्पताल, वेंटीलेटर होते हुए भी हर महीने रेफर हो रहे 300 से 350 मरीज

हिसार का एक नागरिक अस्पताल रेफरल सेंटर बन गया है। यहां वेंटीलेटर होने के बावजूद हर महीने 300 से 350 गंभीर मरीजों को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है। हांसी बरवाला उकलाना और नारनौंद के सरकारी अस्पतालों और अन्य छोटे सरकारी निजी स्वास्थ्य केंद्रों से गंभीर मरीजों को इलाज की आस में नागरिक अस्पताल में लाया जाता है।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Tue, 19 Sep 2023 07:22 PM (IST)
Hero Image
नागरिक अस्पताल के कमरे में धूल फांक रहे 40 वेंटीलेटर का नहीं हो पा रहा उपयोग

जागरण संवाददाता, हिसार: नागरिक अस्पताल रेफरल सेंटर बन गया है। यहां वेंटीलेटर होने के बावजूद हर महीने 300 से 350 गंभीर मरीजों को अग्रोहा मेडिकल कॉलेज रेफर किया जा रहा है। आलम यह है कि जिले के मुख्य नागरिक अस्पताल में ही गंभीर मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।

हांसी, बरवाला, उकलाना, नारनौंद के सरकारी अस्पतालों और अन्य छोटे सरकारी, निजी स्वास्थ्य केंद्रों से गंभीर मरीजों को इलाज की आस में नागरिक अस्पताल में लाया जाता है। लेकिन यहां कुछ देर भर्ती करने के बाद प्राथमिक उपचार की औपचारिकताएं पूरी करते ही वेंटीलेटर व अन्य सुविधाओं के अभाव में अग्रोहा मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता है।

ऐसे में कई बार गंभीर मरीज रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं। गौरतलब है कि नागरिक अस्पताल में कोरोना काल से करीब 40 वेंटीलेटर एक कमरे में पड़े धूल फांक रहे हैं। वेंटीलेटर की मरीजों को सुविधा नहीं मिल पा रही है।

यह भी पढ़ें- Nuh Violence मामले में कांग्रेस विधायक मामन खान को भेजा गया जेल, जिले में इंटरनेट सेवा आज भी बंद

चिकित्सक बोले सुविधाओं से युक्त आइसीयू के बिना नहीं चलेंगे वेंटीलेटर

चिकित्सकों का कहना है कि नागरिक अस्पताल में आइसीयू होना जरूरी है। साथ ही आइसीयू के लिए अलग स्टाफ की भी जरूरत पड़ेगी, जो 24 घंटे आइसीयू में ड्यूटी दे सके। साथ ही आईसीयू में अन्य मशीनरी की भी जरूरत है। जिसके बाद ही वेंटीलेटर का प्रयोग शुरू किया जा सकता है।

निजी अस्पतालों में वेंटीलेटर बेड के लिए ज्यादा करने पड़ते हैं खर्च

नागरिक अस्पताल से रेफर किए गए गंभीर मरीजों को कई बार स्वजन निजी अस्पतालों में भर्ती करवाते हैं। निजी अस्पतालों में सामान्य तौर पर वेंटीलेटर बेड के लिए पांच से 10 हजार रुपये प्रतिदिन खर्च करने पड़ते हैं।

यह भी पढ़ें- फरीदाबाद एनकाउंटर मामला: क्राइम ब्रांच की टीम पर हत्या का केस दर्ज, बबलू के पिता ने दी थी शिकायत

इमरजेंसी से ही रोजाना चार से पांच केस होते हैं रेफर

नागरिक अस्पताल में इमरजेंसी विभाग से ही रोजाना औसतन चार से पांच गंभीर मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। इमरजेंसी में गंभीर मामलों में एक्सीडेंट, हत्या प्रयास या कोई अन्य हादसे या बीमारी में हालत गंभीर होने पर इलाज के लिए मरीज लाए जाते हैं। लेकिन इन मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। क्योंकि गंभीर मरीजों को भर्ती करने के लिए वेंटीलेटर बेड व आइसीयू की जरूरत है।

आइसीयू भी ऐसा जो संपूर्ण सुविधाओं से परिपूर्ण हो। इसलिए गंभीर मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता है और जिले का मुख्य अस्पताल होते हुए भी यह एक रेफरल सेंटर बनने को मजबूर है।

लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें