Haryana Politics: राम मंदिर के बहाने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सैलजा ने भाजपा पर बोला हमला, प्रभारी बाबरिया को दी ये नसीहत
Hisar News कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने सोमवार को डाबड़ा चौक स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि किसान मजदूर जरूरतमंदों की आवाज उठाई जाएगी। 32.64 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। बता दें हरियाणा में रणदीप सुरजेवाला किरण चौधरी सहित अन्य नेता व कार्यकर्ता के सहयोग से यात्रा निकालेंगे।
जागरण संवाददाता, हिसार। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा ने डाबड़ा चौक स्थित अपने आवास पर पत्रकारवार्ता की। राष्ट्रीय महासचिव कुमारी सैलजा ने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पास कई मुद्दे हैं। उसी पर चुनाव लड़ा जाएगा।
पीपीपी के नाम पर आमजन को किया जा रहा प्रताड़ित-कुमारी सैलजा
किसान, मजदूर, जरूरतमंदों की आवाज उठाई जाएगी। कुमारी सैलजा(Kumari Sailja) ने कहा कि इस गठबंधन सरकार में अनेक घोटाले हुए हैं। प्रापर्टी आईडी व शिक्षा के उपकरण से लेकर शराब में घोटाला, पीपीपी के नाम पर आमजन को प्रताड़ित किया जा रहा है। पीपीपी में 100 गलतियां होती है तो आम आदमी को क्यों प्रताड़ित किया।
कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया को मिली ये नसीहत
उन्होंने कहा कि राम मंदिर एक आस्था का केंद्र है। इसे चुनाव के लिए मुद्दा बनाना गलत है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी तो उस समय सोमनाथ मंदिर का निर्माण कराया था। कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा कांग्रेस प्रभारी दीपक बाबरिया को नसीहत दी कि पार्टी को जोड़ने का काम करे न कि तोड़ने का।हरियाणा में रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी सहित अन्य नेता व कार्यकर्ता के सहयोग से यात्रा निकालेंगे। सरकार की असलियत जनता तक लेकर जाएंगे। तानाशाही सरकार ने विपक्ष को दबाने की कोशिश की और विपक्ष को बाहर निकालने के लिए सांसदों को सस्पेंड किया। ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ।
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पूंजीगत निवेश बीते 15 साल में सबसे निचले स्तर पर
कुमारी सैलजा ने कहा कि देश में पूंजीगत निवेश (कैपेक्स) की स्थिति 15 साल में सबसे निचले स्तर पर है। साल 2023 की तीसरी तिमाही में सितंबर से दिसंबर के बीच केवल 462 नए प्रोजेक्ट्स के लिए निवेश आया। 15 साल में कभी एक तिमाही में इतने कम प्रोजेक्ट नहीं आए। प्रोजेक्ट्स की संख्या 35 हजार से अधिक होने के बावजूद केवल 361 प्रोजेक्ट ही पूरे हो सके। सेंटर फार मानिटरिंग इंडियन इकोनामी (सीएमआईई) की रिपोर्ट इस सभी की पोल खोल रही है।
32.64 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट का स्टेटस तक पता नहीं कुमारी सैलजा ने कहा कि सीएमआईई की रिपोर्ट बताती है कि घोषित प्रोजेक्ट में से 85 प्रतिशत पर काम चल रहा है या फिर यह क्लीयरेंस का इंतजार कर रहे हैं। बाकी 15 प्रतिशत वे प्रोजेक्ट हैं, जो अटक गए हैं। 2023-24 की पहली दो तिमाही में यह 58-59 प्रतिशत थे।
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