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Coronavirus Vaccine Update: हरियाणा में को-वैक्सीन का ट्रायल धीमा, 600 से अधिक वालंटियर्स का इंतजार

Coronavirus Vaccine Update ह‍रियाणा में को-वैक्‍सीन का ट्रायल धीमा है और इस कारण निर्धारित समय में इसके पूरा हाेने में दिक्‍कत हो सकती है। रोहतक पीजीआइ को ट्रयल के लिए अब भी 600 से अधिक वालंटियर्स का इंतजार है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 24 Dec 2020 11:58 AM (IST)
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हरियाणा में कोरोना वैक्‍सीन के ट्रायल के लिए वालंटियर नहीं मिल रहे हैं। (फाइल फोटो)

रोहतक, [ओपी वशिष्ठ]। Coronavirus Vaccine Update: हरियाणा में कोरोना वैक्‍सीन के ट्रायल मेें बड़ी बाधा आ गई है। राेहतक के पंडित भगवत दयाल शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस (पीजीआइएमएस) में चल रहे स्वदेशी कोरोना वैक्सीन (को-वैक्सीन) के तीसरे चरण का ट्रायल धीमा पड़ गया है। वजह, वालंटियर्स का रुझान शुरुआत की बजाय कम हो गया है। कई प्रकार की भ्रांतियों के कारण वालंटियर्स आगे नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ ऐसे वालंटियर्स भी हैं, जो पंजीकरण करवाने के बाद ट्रायल के लिए नहीं पहुंचे। ट्रायल टीम की इसको लेकर थोड़ी ¨चताएं बढ़ गई हैं।

रोहतक पीजीआइ में कुल 1000 वालंटियर्स पर होना है को-वैक्सीन का ट्रायल

पीजीआइएमएस में 20 नवंबर को हरियाणा स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को टीका लगाने के बाद ट्रायल शुरू हुआ था। एक माह बीत चुका है, जिसमें 360 वालंटियर्स को पहली डोज दी गई है। दूसरी डोज केवल 151 वालंटियर्स को दी गई है। पीजीआइएमएस प्रशासन ने पहले सप्ताह में ही 200 वालंटियर्स को टीका लगाने का दावा किया था।

करीब 360 को लगी पहली डोज, केवल 151 वालंटियर्स को ही दूसरी डोज दी

भारत बायोटेक और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की ओर से तैयार की जा रही को-वैक्सीन का ट्रायल देशभर में 25800 वालंटियर्स पर होना है। पीजीआइ रोहतक को 1000 वालंटियर्स की जिम्मेदारी दी गई है। ट्रायल शुरू हुए एक माह से ज्यादा हो गया है, अब भी 600 से ज्यादा वालंटियर्स पीजीआइ को शामिल करने हैं। लेकिन अब पंजीकरण कराने के लिए वालंटियर्स का रुझान कम हो गया है।

करीब 20 मिनट की बेसिक मेडिकल जांच के बाद दी जाती है वैक्सीन की डोज

वालंटियर को सबसे पहले ट्रायल की महत्ता समझाई जाती है। उन्हें बताया जाता है कि कैसे मानवता के लिए यह वैक्सीन जरूरी है। व्यक्ति की मौखिक सहमति के बाद लिखित सहमति ली जाती है। राज्य या भारत सरकार की ओर से जारी एक फोटो पहचान-पत्र की कॉपी ली जाती है। 15 से 20 मिनट की बेसिक मेडिकल जांच (ब्लड प्रेशर, ऑक्सिजन सेचुरेशन की जांच और स्वैब के सैंपल) के बाद वैक्सीन की डोज दी जाती है। इसके 28 दिन बाद दूसरी डोज के लिए वालंटियर को अस्पताल जाना होता है। वॉलंटियर को ट्रायल में शामिल होने के लिए सम्मान राशि का भी प्रावधान है, जोकि, वालंटियर के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर की जाती है।

नहीं करना पड़ता किसी प्रकार का परहेज

ट्रायल में शामिल होने वाले वॉलंटियर को किसी प्रकार का खाने-पीने का परहेज नहीं करना होता। हालांकि, मास्क व शारीरिक दूरी के नियम पहले की तरह ही पालन करने की सलाह चिकित्सक देते हैं। शारीरिक परेशानी होने पर चिकित्सक से किसी भी समय पर फोन पर या पीजीआइ में जाकर सलाह ले सकते हैं। वहीं, ट्रायल के दौरान किसी भी स्टेज पर यदि वॉलंटियर को किसी प्रकार की झिझक होती है तो वह ट्रायल से हट भी सकता है।

इन नंबरों पर करें संपर्क

हेल्पलाइन नंबर 7404135441 और 9728563569 पर संपर्क किया जा सकता है। पीजीआइएमएस के वार्ड-7 में ट्रायल चल रहा है। वालंटियर्स सीधे वार्ड में चिकित्सकों से भी मुलाकात कर ट्रायल में शामिल हो सकते हैं।

कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले भी करवा सकते हैं पंजीकरण : कुलपति

पंडित भगवत दयाल शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डा. ओपी कालरा ने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव को लेकर स्वदेशी वैक्सीन बनाने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। पीजीआइएमएस में एक हजार वालंटियर्स को वैक्सीन दी जानी है। 350 से अधिक वालंटियर्स को पहली डोज दी जा चुकी है। अभी 600 से अधिक वालंटियर्स को वैक्सीन दी जानी है।

उन्होंने बताया कि आइसीएमआर की गाइडलाइन जारी हुई है, जिसमें कोरेाना संक्रमित मरीज भी ट्रायल में हिस्सा ले सकते हैं। पहले कोरोना संक्रमित मरीजों को ट्रायल में शामिल नहीं किया गया था। उन्होंने ट्रायल में शामिल होने के लिए लोगों से अपील भी की है ताकि ट्रायल का कार्य जल्दी पूरा किया जा सके।

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