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कच्चे माल की कीमतों में रोजाना हो रहा उछाल, गर्मी में इलेक्ट्रोनिक उत्पादों के महंगा होने के आसार

आने वाले दिनों में 20 से 40 फीसद तक इलेक्ट्रोनिक उत्पाद महंगे हो जाएंगे। क्योंकि कच्चे माल के रेट पिछले 15 दिनों में काफी बढ़ गए हैं। कुल मिलाकर महंगाई की मार उद्यमी से लेकर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाली है।

By Manoj KumarEdited By: Updated: Wed, 23 Feb 2022 08:48 AM (IST)
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बिजली उपकरण गर्मी के सीजन में महंगे हो सकते हैं

जागरण संवाददाता, झज्जर : तापमान बढ़ने लगा है। बढ़ते हुए तापमान के साथ इलेक्ट्रोनिक उत्पादों के दाम में भी महंगाई का तड़का बाजार में अभी से लगता दिख रहा है। कारोबार से जुड़े लोग बताते हैं कि जिस प्रकार के हालात अभी दिख रहे हैं, को मद्देनजर रखते हुए आने वाले दिनों में 20 से 40 फीसद तक इलेक्ट्रोनिक उत्पाद महंगे हो जाएंगे। क्योंकि, कच्चे माल के रेट पिछले 15 दिनों में काफी बढ़ गए हैं। कुल मिलाकर, महंगाई की मार उद्यमी से लेकर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाली है।

---बढ़ती हुई महंगाई के पीछे का दूसरा मुख्य कारण चाइना से आने वाले सामान पर रखी जा रही पैनी नजर भी है। 15 से 20 फीसद तक कापर का दाम बढ़ गए है। पेट्रोल और डीजल पहले से ही महंगे हैं। लोगों के बीच इस बात की चर्चा है कि चुनावी माहौल खत्म होने के बाद इनके दामों में फिर से उछाल आएगा। ठीक ऐसे ही हालात पीवीसी दाना और एल्युमिनियम का भी है। कुल मिलाकर, मौसम की तपिश में अपनी जरूरतों के हिसाब से समय रहते हुए खरीदारी कर लेने में ही समझदारी है।

बाजार में खरीदार हो रहे कम, बिगड़ रहा बजट

कारोबारियों के अनुसार, जो पंखा साल भर पहले 800 से 1000 रुपये में बड़ी आसानी से मिल रहा था, अब उसी की कीमत 900 से 1100 रुपये तक पहुंच गई है। जबकि, गर्मी की तपिश के साथ इसके दाम और भी बढ़ जाएंगे। ठीक ऐसा ही कूलर के साथ होने वाला है। एक हजार रुपये के दाम मिलने वाला छोटा कूलर 12 सौ से 15 सौ तक होने की उम्मीद दिख रही है। टीवी, वाशिंग मशीन, फ्रिज, एसी के दाम पहले ही काबू में नहीं हैं। एलइडी की कीमतों में तो कुछ ज्यादा ही तेजी आई है। कुल मिलाकर, मौजूदा समय में गर्मी की तपिश के साथ ग्राहकों की जेब पर भी इसका असर साफ दिखने वाला है।

डिमांड के हिसाब से स्टाक करने वालों की भी बढ़ रही संख्या : कारोबार में डिमांड पर नजर रखते हुए बहुत से लोग इन दिनों में खास तौर पर सक्रिय हो जाते हैं। जो कि डिमांड के हिसाब से कच्चा माल का स्टाक कर लेते हैं। ऐसा होने से भी दामों में असंतुलन की स्थिति बनती है। जिसका असर पूरे बाजार पर देखने को मिलता है।

कच्चे माल की बढ़ी कीमत, कैसे पाएंगे पार

शो-रूम संचालक नरेंद्र चावला के मुताबिक चाइना से आने वाली सप्लाई चेन पिछले दो साल से प्रभावित हो रही है। मार्किट को देखें तो वहां से आने वाला माल सस्ता मिल जाता था। मगर, अब माल नहीं आ रहा , इसके चलते उत्पादों की कुछ शार्टेज भी है। कीमतें बढ़ रही हैं। जैसा फीडबैक उन्हें बड़ी कंपनियों के स्तर पर मिल रहा है। साथ ही कच्चे माल की कीमत में भी 15 से 20 फीसद का उछाल आया है। छोटी कंपनियां डिमांड के मुताबिक कार्य नहीं कर पा रही । जबकि, बाजार की बड़ी कंपनियों से मांग की पूर्ति नहीं हो पा रही । इस वजह से भी असंतुलन बना हुआ है।

- इलेक्ट्रिक कारोबार से जुड़े जगदीश आर्य के मुताबिक कच्चे माल की कीमतें बढ़ने से हर तरह के उत्पादों की भी कीमतें काफी बढ़ गई हैं। महंगाई की मार उद्यमी से लेकर आम आदमी तक पड़ रही है।

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