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दिग्विजय बोले - बड़े भाई पर उंगली उठाकर नेता प्रतिपक्ष ने लांघी लक्ष्मण रेखा

पिता अजय सिंह चौटाला के निष्‍कासन पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि लोगों को पार्टी से निकालने की नहीं पार्टी में जोडऩे की जरूरत है। डॉ. अजय सिंह के साथ 80-90 फीसद पार्टी नेता व कार्यकर्ता

By manoj kumarEdited By: Updated: Fri, 16 Nov 2018 10:58 AM (IST)
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दिग्विजय बोले - बड़े भाई पर उंगली उठाकर नेता प्रतिपक्ष ने लांघी लक्ष्मण रेखा
सिरसा, जेएनएन।  दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अभय सिंह चौटाला ने अपने बड़े भाई पर उंगली उठाकर लक्ष्मण रेखा को लांघने का काम किया है। हमें भी अपने मन की बात कहनी पड़ेगी और कहेंगे भी। चंडीगढ़ जाकर सीनियर्स से बात करेंगे। गलत के साथ समझौता नहीं करेंगे, उसके लिए हमें चाहे सब कुछ कुर्बान ही क्यों ना करना पड़े। दिग्विजय बुधवार को सिरसा स्थित निवास पर पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे।

डा. अजय सिंह चौटाला के निष्कासन पर प्रतिक्रिया देते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि पार्टी में कुछ लोग साजिश रच रहे हैं। 12 नवंबर तक चौ. ओमप्रकाश चौटाला के माध्यम से ये लोग कह रहे थे कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। 13 को उनसे मिल नहीं सकते थे, वह जेल चले गए थे। 14 की सुबह लेटर जारी किया गया जिस पर ऑटोमेटिड हस्ताक्षर हैं। चार-पांच लोगों ने चंडीगढ़ में बैठकर इसकी स्क्रिप्ट लिखी। हमें रात को ही सूत्रों से पता चल गया था कि विरोधी दल के नेता के कहने पर ये फर्जी लेटर बन चुका है। अब 17 को जींद में लाखों लोग जुटेंगे और पार्टी का फैसला करेंगे। पार्टी का फैसला व्यक्ति विशेष या नेता नहीं, बल्कि कार्यकर्ता करेंगे। दिग्विजय ने कहा कि डा. अजय चौटाला जा रहे हैं, वहां पर 80-90 फीसद पार्टी के नेता-कार्यकर्ता साथ आकर खड़े हो रहे हैं।

जिप चुनाव में सबसे बड़ी हार नेता प्रतिपक्ष के परिवार की हुई

अपने चाचा पर कटाक्ष करते हुए दिग्विजय ने कहा कि संगरिया में जो हश्र हुआ वो किसी से छुपा नहीं है। वो तो सिर्फ ये गिनवा रहे हैं कि मैंने ये चुनाव जीता, वो जीता। लोकसभा चुनाव में हश्र हुआ कि नेता प्रतिपक्ष होते हुए भी जिला परिषद का चुनाव लड़ा। जिस विधानसभा क्षेत्र से मेरी मां नैना चौटाला सात हजार वोटों से जीती, वहीं से नेता प्रतिपक्ष का परिवार सात हजार वोटों से हार गया।

आरएस चौधरी बड़े साजिशकर्ता, लेटर पर उनकी लैंग्वेज

दिग्विजय सिंह ने कहा कि आरएस चौधरी बड़े साजिशकर्ता हैं। लेटर में उनकी ही लेंग्वेज है। कल रात को अजय ङ्क्षसह चौटाला के नाम का लेटर बना, वह उन्हीं के हाथों से लिखा हुआ(टाइप किया हुआ) है और सिग्नेचर ऑटोमेटिड हैं। इस बारे में चौटाला साहब को बाद में बताया जा रहा है। इससे पहले जब हम भी पार्टी सुप्रीमो से मिले थे तो उन्हें हमारे निलंबन के बारे में भी कोई जानकारी नहीं थी।

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