दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के लिए सांय 5:50 से 8:58 तक रहेगा शुभ मुहूर्त, इस विधि से करें पूजा
शास्त्रों के मुताबिक मां लक्ष्मी की पूजा प्रदोषकाल और मध्यरात्रि में स्थिर लग्न में उत्तम मानी गई है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा जरूरी है। लक्ष्मी पूजन के लिए सोमवार सांय 550 से 858 तक शुभ मुहूर्त रहेगा।
By Ratan kanwar Edited By: Manoj KumarUpdated: Mon, 24 Oct 2022 08:01 AM (IST)
जागरण संवाददाता, हिसार/रोहतक : दीपावली पर पूजा का विशेष महत्व है। दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा करने का बहुत ज्यादा महत्व माना जाता है। दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी आचार्य मनोज मिश्र ने बताया कि शास्त्रों के मुताबिक मां लक्ष्मी की पूजा प्रदोषकाल और मध्यरात्रि में स्थिर लग्न में उत्तम मानी गई है। देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी विधिवत पूजा जरूरी है। लक्ष्मी पूजन के लिए सोमवार सांय 5:50 से 8:58 तक शुभ मुहूर्त रहेगा। छोटी दीपावली पर लोगों ने आतिशबाजी भी की।
धार्मिंक स्थलों में मनाया दीपोत्सवरोहतक में धार्मिक स्थलों में रविवार को दीपोत्सव श्रद्धाभाव से मनाया गया। शहर में प्राचीन गौकर्ण तालाब स्थित बाबा लक्ष्मणपुरी डेरे में दीपोत्सव मनाया गया। डेरे के उपाचार्य बाबा कपिलपुरी व बाबा कमलपुरी ने दीपोत्सव पर सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी और मंगलकामना की। इसके अलावा सरकूलर रोड स्थित बाबा बालकपुरी डेरे में भी रविवार शाम को दीपोत्सव मनाया गया। डेरे के महामंडलेश्वर बाबा कर्णपुरी ने बताया कि डेरे में शाम के समय दीपों की लड़ियां बनाई गई और सभी की खुशहाली की मंगलकामना की गई। इसके अलावा दुर्गा भवन मंदिर में भी दीपोत्सव हर्षाेल्लास से मनाया गया।
पूजन के लिए फूलों की बढ़ी मांगदीपावली पर पूजन कार्य के लिए फूलों की मांग एकाएक बढ़ गई है। शहर में फूलों की बिक्री 50 से अधिक स्थानों पर हो रही है। दुकानदारों की मानें मो 80 क्विंटल से अधिक फूलों की आवक शहर में हुई है। पर्व के चलते सुबह से ही फूलों की स्टाल पर ग्राहकों का आगवामन होने लगा जोकि देर शाम तक जारी रहा। अधिकतर गेंदा, गुलाब व अन्य किस्मों की फूलों की मांग हो रही है। इनके अलावा दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के लिए कमल के फूल की भी विशेष मांग ग्राहक कर रहे हैं।
दीपावली की पूजा सामग्रीशास्त्रों के अनुसार दीपावली के पूजा सामग्री में रोली, कुमकुम, चंदन, अक्षत, लक्ष्मी-गणेश की मूर्ती, पूजा की चौकी, लाल कपड़ा, पान, सुपारी, पंचामृत, हल्दी, रूई की बत्ती, लाल धागे की बत्ती, नारियल, गंगाजल, फल, फूल, कमल गट्टा, कलश, आम के पत्ते, मौली, जनेऊ, दूर्वा, कपूर, धूप, दो बड़े दीपक, गेंहू, खील, बताशे आदि का प्रयाेग लाभकारी माना जाता है।
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