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पिटबुल जैसी खतरनाक किस्म के कुत्ते पालने का शौक पड़ रहा भारी, मालिकों की जान के बने दुश्मन

पिटबुल जैसी खतरनाक किस्म के कुत्तों को भी पाल रहे हैं लोग। मालिकों की जान के लिए बन रहे खतरा। विदेशी नस्ल के कुत्ते पालने का शौक लगातार बढ़ रहा। प्रशासन के पास नहीं विदेशी नस्ल के कुत्ते पालने वालों का डाटा

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Sat, 16 Jul 2022 09:53 PM (IST)
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खतरनाक किस्म के कुत्तों को भी पाल रहे हैं लोग।
जागरण संवाददाता, सिरसा। विदेशी नस्ल के कुत्ते पालने का शौक लगातार बढ़ रहा है। अपना शौक पूरा करने के लिए लोग खतरनाक किस्मों के कुत्ते पाल रहे हैं। यह बहुत आक्रामक और गुस्सेल होने के बाद भी लोग पाल कर खतरा मोल ले रहे हैं। क्योंकि इन खतरनाक किस्म के कुत्तों के कारण अनेक जगह पर घटना घटित हो चुकी है।

खास बात ये है कि नगर परिषद पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। बिना रजिस्ट्रेशन के कुत्ता पालने पर जुर्माने की कार्रवाई का प्रावधान है। पशु पालक को पड़ोसी से भी अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना जरूरी है, लेकिन अभी नियम लागू नहीं है।

इन किस्मों के कुत्ते पाल रहे हैं

शहर में लोग पिटबुल, प्रेसा कैनारियो, चौ-चौ, रोट्टवीलर्स जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर, पमेलियन, बुलडाग, माल्टीज, बीगल, गोल्डन रिट्रीवर, जैक रसेल टेरियर, डाबरमैन व अन्य नस्ल के कुत्तों को लोग अधिक पसंद करते हैं। इन्हें अधिक पाल रहे हैं। खास बात ये भी है कि लोग स्टेटस सिंबल के लिए कुत्तों के बारे में जरूरी जानकारी लिए बगैर ही इन्हें पाल रहे हैं। जबकि विदेशी नस्ल के कुत्तों को पालने से पहले उनके बारे में संपूर्ण जानकारी व प्रशिक्षण लेना बहुत जरूरी है।

पिटबुल सबसे अधिक खतरनाक

घरों के अंदर पालने वालों में पिटबुल कुत्ता सबसे खतरनाक होता है। इसे लोग ज्यादातर सुरक्षा के लिए फार्म हाउस में पालते हैं। घर में बहुत कम संख्या में पाला जाता है। क्योंकि यह बहुत आक्रामक और गुस्सेल होता है। इसकी आक्रामकता को रोकने के लिए प्रशिक्षण की जरूरत होती है।

जानवर की तरह रखे

लोग अपने शौक के लिए विदेशी खतरनाक कुत्ते पाल रहे हैं। इनको पालने के लिए विशेष सावधानी की जरूरत है। कुत्तों को अलग जगह पर बांधे। उसके लिए खाने व पीने की अलग से व्यवस्था करें। बाहर जब घूमने लेकर जाते हैं। उसके गले में पट्टा होना जरूरी है। वहीं ऐसे खतरनाक कुत्तों के साथ छेड़खानी न करें।

-डा. वीएस बांसल, उपनिदेशक, पशुपालन विभाग, सिरसा।

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