Haryana: हिसार में इस जगह ड्रग्स के दलदल में युवाओं की जान, बोर्ड पर लिखा-'मेरा गांव मेरी शान'; जानें पूरी खबर
हरियाणा के हिसार से 21 किमी दूर स्थित गांव रावत खेड़ा में बस स्टैंड पर एक बोर्ड लगा है। उस पर लिखा है- ड्रग एवं हिंसा मुक्त रावत खेड़ा मेरा गांव मेरी शान। ग्रामीणों के अनुसार 15 दिन में तीन और तीन महीने में कुल छह लोगों की मौत (Haryana Crime News) हो चुकी है लेकिन पुलिस रिकार्ड में मौत का आंकड़ा जीरो है। सरपंच श्रीराम ने कहा- उनकी प्रशासन से अपील है कि गांव में नशा बेचने और करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
ग्रामीणों की जुबानी गांव का दर्द
गांव के बस स्टैंड पर लगा बोर्ड
फैक्ट्री में काम करता था राजवीर बाल सिंह ने बताया कि उनके भतीजे राजवीर सिंह की करीब तीन महीने पहले नशे की ओवरडोज के कारण मौत हो गई थी। राजवीर काफी समय से हिसार स्थित एक फैक्ट्री में काम करता था। पिछले करीब डेढ़ साल से नशे की लत लग चुकी थी। उन्होंने राजवीर का नशा छुड़वाने के काफी प्रयास भी किए लेकिन सब असफल रहे।नशा बेचने और करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
सरपंच श्रीराम गांव रावत खेड़ा के सरपंच श्रीराम का कहना है कि अभी तक नशे की वजह से छह लोगों की मौत हो चुकी है। ऐसे में उनकी प्रशासन से अपील है कि गांव में नशा बेचने और करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जिससे गांव की नस्ल खराब होने से बच सके। गांव रावत खेड़ा की ढाणी में रहने वाले पवन कुमार ने बताया कि उनके छोटे भाई 30 वर्षीय वेदप्रकाश के दो बच्चे हैं। रविवार शाम को करीब चार बजे नशे का इंजेक्शन लगाते वक्त गांव के कुएं पर वेदप्रकाश की मौत हो गई। पिछले करीब दो साल से नशे का आदी था।वो वेदप्रकाश का नशा छुड़वाने के लिए कई बार कोशिश कर चुके थे, लेकिन वो सफल नहीं हो पाए। अब प्रशासन से अपील करते हैं कि गांव के अन्य युवाओं को इस नशे की बीमारी के चपेट में आने से बचा लें। कुएं में डूबी नशे से झूमती जिंदगी।नहीं रुकी नशाखोरी तो यूं ही युवा अपनी जान से धोते रहेंगे हाथ
रावत खेड़ा के पूर्व सरपंच सियाराम का कहना है कि उनके गांव में छह लोगों की नशे की ओवरडोज के कारण मौत हो चुकी है। हालात यही रहे तो छह-सात महीने में चार -पांच और युवाओं की नशे के कारण जान जा सकती है। उनकी प्रशासन से मांग है कि गांव में नशा बेचने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।यह भी पढ़ें: हरियाणा के 100 बड़े नशा तस्करों की लिस्ट तैयार, बैंकों में खंगाले जा रहे खाते; रिश्तेदार भी पुलिस के निशाने पररावत खेड़ा में अभियान के तहत 30 के युवकों को नशा मुक्त करवाते हुए दवाई दी गई। गांव में नशा तस्करी करने वाले कई लोगों को जेल में डाला जा चुका है। नशे से छह मौतों का मामला हमारे संज्ञान में नहीं है। हमारी टीम गांव में जाकर नशे की स्थिति को लेकर जांच करेगी। एडीजीपी का निर्देश है कि नशे की वजह से किसी की मौत होती है तो तस्कर का पता लगाकर उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाए। कई मेडिकल स्टोरों को भी प्रतिबंधित दवाएं बेचने पर सील कर चुके हैं। -सज्जन कुमार, प्रवक्ता एडीजीपी, हिसार रेंज