Hissar News: अफसरों की मिलीभगत से टेंडर में मिली छूट, मृत पशुओं का हुआ कारोबार... ACB के पास पहुंची शिकायत
प्रदेश सरकार ने मृत पशुओं के वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने के साल 2017 में आदेश दिए थे और इसके बाद साल 2019-20 में मृत पशु उठाने का जो टेंडर पास हुआ उसमें से मृत पशुओं को जमीन में दबाने की शर्त को ही हटा दिया। हिसार में मृत पशुओं को उठाने के टेंडर में शर्तों को हटाने की आड़ में अफसरों की मिलीभगत का बड़ा खेल सामने आया है।
जागरण संवाददाता, हिसार। Dead Animal Trade: हिसार शहर में मृत पशुओं को उठाने के टेंडर में शर्तों को हटाने की आड़ में अफसरों की मिलीभगत का बड़ा खेल उजागर हुआ है। प्रदेश सरकार ने मृत पशुओं के वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण करने के साल 2017 में आदेश दिए थे।
इसके बाद साल 2019-20 में मृत पशु उठाने का जो टेंडर उसमें से मृत पशुओं को जमीन में दबाने की शर्त को ही हटा दिया। जिसका सीधा लाभ ठेकेदार को हुआ और इसी शर्त के हटने के बाद उसे मृत पशुओं के मांस का कारोबार तक कर डाला।
जानें कितना बड़ा है कारोबार
यह कारोबार कितना बड़ा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अकेले गोअभयारण्य और नंदीशाला से जुलाई 2019 से लेकर 30 अक्टूबर 2023 तक 6213 पशुओं की मौत हुई। अब अफसरों और ठेकेदार की मिलीभगत से शर्त हटाने और उसकी आड़ में हुए मांस के कारोबार की एंट्री करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के पास पहुंच गई है।
ये है पूरा मामला
सांझा मोर्चा अध्यक्ष अनिल महला ने नगर निगम से सूचना के अधिकार के अंतर्गत सूचना मांगी। जिसमें सामने आया है कि गोअभयारण्य और नंदीशाला से जुलाई 2019 से लेकर 30 अक्टूबर 2023 तक 6213 पशुओं की मौत हुई। इस समय अवधी में निगम ने मृत पशु उठाने के टेंडर किए।
अनिल महला के अनुसार साल 2018-19 में हुए टेंडर में शर्त नंबर 13 में निगम ने लिखा कि ठेकेदार को मृत पशु को आबादी से बाहर ले जाकर जमीन में दबाना होगा। उसकी खाल को उतारने का हक नहीं होगा। जबकि साल 2019-20 और साल 2020-22 में निर्धारित शर्त में यह शर्त हटा दी। यह शर्त हटाना बन गई मृत पशुओं के कारोबार का आधार। इसके बाद ठेकेदार की टीम ने अंदरखाते मृत गोवंश के मास का कारोबार ही कर डाला।
साल 2022-23 में पकड़ में आया था गोमांस की तस्करी का खेल
साल 2022-23 में गोसेवक और गोरक्षकों की टीम के सहयोग से रोहतक मदीना टोल पर गोमांस से भरी गाड़ी पकड़ी गई थी। पुलिस पूछताछ में चालक ने हिसार के ढंढूर से मांस से भरी गाड़ी लाने की बात कहीं थी।
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इसके बाद टीम गांव ढंढूर के पास स्थित हड्डारोडी जगह पर पहुंची तो वहां पशु मांस व हड्डियां बिखरी हुई मिली थी। यहां से पुलिस ने सैंपल भरवाए भी जांच के लिए भरवाए थे।
एसीबी को पहुंची शिकायत
अनिल महला ने आरटीआइ में मिली जानकार के आधार पर महानिदेशक एसीबी को दस्तावेजों के साथ शिकायत भेजी है। महला ने आरोप लगाते हुए महानिदेशक को शिकायत भेजकर मांग की है कि अफसरों ने शर्त हटाकर मांस के कारोबार का यह खेल खेला है। इसकी जांच की मांग की गई है।
अफसरों की मिलीभगत से होता है कारोबार
सांझा मोर्चा अध्यक्ष अनिल महला ने कहा कि निगम अफसरों से मिलीभगत कर गोवंश के मांस के कारोबार में अहम रोल अदा किया है। इस मामले में मैंने एसीबी को शिकायत भेजी है। जांच होगी तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। मुझे लगता है कि इस मामले में मेरी जान को भी खतरा हो सकता है।
नगर निगम ने मृत पशुओं को उठाने का जो टेंडर किया है। वह हरियाणा नगर निगम एक्ट 1994 के तहत किया गया है। इस मामले में निगम अफसरों की कोई मिलीभगत नहीं है। हमने सारा कार्य एक्ट के अनुसार किया है।
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