कृषि के साथ मधुमक्खी पालन से बढ़ेगी किसानों की आय, 85 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान
कृषि के साथ ही बी कीपिंग करने से भी किसानों की आय बढ़ सकेगी। बी कीपिंग करने के लिए विभाग की ओर से किसानों को 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। जिसका लाभ उठाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
जागरण संवाददाता, रोहतक : किसानों की आमदनी बढ़ानी के लिए सरकार की ओर से तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। इस कड़ी में कृषि के साथ ही बी कीपिंग करने से भी किसानों की आय बढ़ सकेगी। बी कीपिंग करने के लिए विभाग की ओर से किसानों को 85 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। जिसका लाभ उठाकर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। बागवानी विभाग के अधिकारियों ने भी कृषि के सहायक धंधे के रूप में जिला के किसानों से बी कीपिंग अपनाने का आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि आय बढ़ाने में यह बेहद कारगर साबित हो सकता है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक मानव जाति की सबसे बड़ी मित्र होने के साथ छोटी सी मधुमक्खी(बी) का प्रकृति के विकास में बड़ा योगदान है। बी जहां मधुर एवं पौष्टिक शहद का उत्पादन करती है। वहीं, यह प्रकृति के विकास में भी यह लाभदायक है। लीची, नीबू, प्रजातीय फलों, अमरूद, बेर, आडू, सेब आदि एवं अन्य दलहनी एवं तिलहनी फसलों में मधुमक्खियों द्वारा परागण अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
अधिकारियों का यह भी कहना है कि परीक्षणों से यह भी जानकारी मिली है कि पर-परागण के बाद जो फसल पैदा होती है, उन दानों का वजन एवं पौष्टिकता अच्छी होती है। इससे स्पष्ट होता है कि मधुमक्खियां केवल शहद ही पैदा नहीं करती बल्कि फसलों की पैदावार बढ़ाकर प्रदेश एवं देश के आर्थिक विकास में भी मदद करती है। बी कीपिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकार ने सब्सिडी व अनुदान की योजना को भी क्रियांवित किया है। सरकार ने मधुमक्खी पालको के हित में अनेक कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि मधुमक्खी पलकों के लिए 85 प्रतिशत तक की सहायता राशि जारी करने का प्रावधान किया गया है। मधुमक्खी केंद्र रामनगर, कुरुक्षेत्र से मधुमक्खी बक्से खरीदने पर 85 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। अनुदान के लिए बक्सों की अधिकतम सीमा 50 निर्धारित की गई है। मधुमक्खी पालन के औजारों जैसे हनी प्रोसेसिंग, बाटलिंग व हनी टेस्टिंग पर 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। कस्टम हायरिंग केंद्र, मधुमक्खी उपकरणों व टेस्टिंग लैब आदि पर 50 से 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है।
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बी कीपिंग को लेकर सरकार की योजनाओं का लाभ किसानों को उठाना चाहिए। तभी उनकी आमदनी बढ़ेगी। शहद प्रसंस्करण इकाई, शीत भंडारण, शहद उत्पादों का संग्रह, व्यापार व वितरण आदि पर 50 से 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है।
- डा. कमल सैनी, जिला बागवानी अधिकारी, रोहतक ।