Farmer Protest: खुफिया तंत्र को चकमा देकर पंजाब पहुंचे किसान नेता, 13 फरवरी से पहले ही हरियाणा में हुए दाखिल
पुलिस का खुफिया तंत्र पिछले कुछ दिनों से किसानों को नजर बंद करने के लिए सक्रिय है लेकिन किसान अबकी बार पहले ही भूमिगत हो गए और उन्होंने मोबाइल फोन भी बंद कर लिए है। ऐसे में उनकी लोकेशन भी ट्रेस नहीं हो पा रही है। किसान पुलिस को चकमा देकर 13 फरवरी से पहले ही पंजाब में दाखिल हो चुके हैं।
सुनील मान, नारनौंद। किसानों को नजर बंद करने के लिए पुलिस का खुफिया तंत्र पिछले कुछ दिनों से सक्रिय है। लेकिन किसान अबकी बार पहले ही भूमिगत हो गए और मोबाइल फोन भी बंद कर लिए ऐसे में उनकी लोकेशन भी ट्रेस नहीं हो रही है।
किसान पुलिस को चकमा देकर 13 फरवरी से पहले ही पंजाब में दाखिल हो गए और वह पंजाब के किसानों के साथ दिल्ली में दाखिल होंगे।
लोकेशन ट्रेस ना होने के चलते बंद किया मोबाइल
किसान नेताओं ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि उन्हें शक था कि पुलिस उनको पहले ही नजरबंद कर लेगी। ऐसे में वह चार दिन पहले ही घर से पंजाब चले गए थे और वहां पर जाकर मोबाइल फोन भी बंद कर लिया ताकि उनकी लोकेशन ट्रेस ना हो सके।अबकी बार किसान ट्रैक्टरों की बजाय गाड़ियों में ही आंदोलन स्थल पर पहुंचने की फिराक में है। कुछ किसान गुपचुप तरीके से तैयारी में लगे हुए हैं। वो 13 फरवरी को ट्रैक्टरों पर सवार होकर दिल्ली के लिए निकलेंगे।
राशन व पानी ले जानी की थी तैयारी
उन्होंने अपने साथ राशन और पानी ले जाने की भी तैयारी कर रखी है। पिछली बार किसान आंदोलन से पहले किसानों ने अलग-अलग गांव में रैली निकाली थी लेकिन अब की बार सारा काम गुप्त तरीके से किया जा रहा है। पुलिस के खुफिया तंत्र के कर्मचारी लगातार किसानों के घरों के आसपास घूमते नजर दिखाई दे रहे हैं और उनके बारे में सूचना भी जुटा रहे हैं।लेकिन आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान नेता पहले ही अपने ठिकानों पर पहुंच गए हैं। वहीं से बैठकर वह 13 फरवरी की तैयारी करने में जुटे हुए हैं। करीब 10 दिन पहले नारनौंद की सब्जी मंडी में किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ व पंजाब के किसान नेताओं के साथ बड़ी रैली की थी और उसी दिन दिल्ली जाने का ऐलान कर दिया था। किसान नेताओं ने दावा किया है कि हिसार जिले से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली पहुंचेंगे।
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