बारिश से खेतों में बनी जलभराव की स्थिति, नुकसान की शिकायत लेकर कृषि विभाग पहुंचे किसान
हरियाणा में हो रही बरसात ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। जिसके कारण किसानों को फसलें खराब होने समस्या की सामना करना पड़ रहा है। झज्जर जिले की बात करें तो अब तक 4500 से अधिक किसानों ने कृषि विभाग में नुकसान भरपाई के लिए आवेदन दे चुके हैं।
By Umesh KdhyaniEdited By: Updated: Fri, 03 Sep 2021 08:15 PM (IST)
झज्जर, जागरण संवाददाता। झज्जर की बारिश वजह से किसानों के चेहरे पर मायूसी छायी हुई है। किसानों का कहना है कि जिन फसलों में सिंचाई की जरुरत थी, उनके लिए तो बरसात फायदेमंद साबित हो रही है। वहीं दूसरी तरफ जिन खेतों में पहले ही जलभराव था या फिर जमीन में नमी अधिक थी, ऐसे किसानों की बरसात ने चिंता बढ़ा दी है। जिसके खेतो में जलभराव के स्थिति पैदा होने लगी है जिसके कारण फसलें खराब होने की चिंता भी किसानों के समक्ष खड़ी है।
किसानों ने नुकसान भरपाई के लिए कृषि विभाग में किया आवेदनजलभराव के समस्या के चलते अब तक 45 सौ से अधिक किसान कृषि विभाग में शिकायत देने पहुंच चुके हैं। इन शिकायतों में कपास व बाजरे की फसल सर्वाधिक हैं। विभागीय आंकड़े की बात करें तो जिला में करीब 45 हजार हेक्टेयर में बाजरा तथा साढ़े 14 हजार हेक्टेयर में कपास की फसल की बुआई हो रखी हैं। जबकि, किसानों के स्तर पर किए गए आवेदन की बात करें तो औसतन एक किसान को औसतन तीन एकड़ फसल में नुकसान हुआ हैं। वहीं अब जलभराव की स्थिति अन्य गांवों में भी देखने को मिल रही है। जिस कारण इन शिकायतों की संख्या और बढ़ सकती है। ऐसे किसानों के लिए बरसात नुकसानदायक मानी जा रही है। जो कि विभाग के लिए चिंता का विषय है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे बाढ़ जैसे हालातबुधवार सुबह से हुई बरसात की वजह से गांव खोरड़ा में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। जिस तरफ देखो उसी तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा था। बहते पानी को देखकर लगा कि जैसे कोई नदी बह रही हो। दो से तीन फीट तक पानी जमा होने के कारण लोगों को आवागमन में भी दिक्कत हुई। जिसने भी कहीं जाना था वह कमर तक पानी में चलकर ही गुजरता नजर आया। कुछ ऐसे ही हालात अन्य गांवों में भी देखने को मिले। क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में भी ऐसे हालात आन बने हैं। खास तौर पर जहां जलजमाव ज्यादा हो रहा है, वहां पर भवनों को भी नुकसान होने लगा है। इधर, शुक्रवार दोपहर बाद भी मौसम एकाएक पलटा। बरसात की वजह से मौसम में ठंडक का अहसास हुआ।
साल्हावास एरिया में हुई 5 एमएम बरसात
पिछले दिनों की बात करें तो अभी तक सबसे ज्यादा बरसात का असर साल्हावास एरिया में देखने को मिल रहा हैं। शुक्रवार को भी चार बजे 5 एमएम बरसात साल्हावास एरिया में ही हुई है। जबकि, शेष क्षेत्रों में हल्की फुल्की बूंदा-बांदी से मौसम का असर देखने को मिला है। जिससे गर्मी से राहत मिल रही है। तापमान में निरंतर गिरावट महसूस हो रही है।
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