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रोहतक में एफडीडीआइ का सेंटर आफ एक्सीलेंस तैयार, नान लेदर शू टेक्नोलाजी में मिलेगी महारत

इंडस्ट्रियल माडल टाउनशिप स्थित एफडीडीआइ रोहतक की शुरुआत साल 2011 में हुई थी। यहां फुटवियर डेवलपमेंट और रिटेल विषय में बैचलर और मास्टर डिग्री कोर्स संचालित है। इसके अलावा कुछ शार्ट टर्म कोर्स गत सत्र से शुरू किए गए हैं।

By Naveen DalalEdited By: Updated: Wed, 13 Apr 2022 06:49 PM (IST)
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रोहतक में मिनिस्ट्री आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से कराया गया एक्सीलेंस सेंटर का निमार्ण।

रोहतक, केएस मोबिन। फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एफडीडीआइ) रोहतक। अब नान लेदर स्पोर्ट्स शू टेक्नोलाजी में विशेषज्ञ संस्थान बनने की दिशा में कदम तेजी से बढ़ा रहा है। करीब 18 करोड़ की लागत से परिसर में सेंटर आफ एक्सीलेंस (सीओ) तैयार हो चुका है। दो मंजिला इमारत में नए सत्र यानी कि 2022-2023 से क्लास लगेंगी। मशीनों के इंस्टालेशन का कार्य जारी है, इसे जून 2022 तक पूरा कर लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। बता दें कि भारत सरकार की मिनिस्ट्री आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से सीओ का निर्माण कराया गया है। देशभर के 12 एफडीडीआइ में रोहतक का संस्थान इकलौता है जिसमें नान लेदर शू टेक्नोलाजी की विशेषज्ञता के लिए इस तरह का एक्सीलेंस सेंटर बनाया गया है।

सेंटर के निर्माण में 18 करोड़ की लागत

इंडस्ट्रियल माडल टाउनशिप (आइएमटी) स्थित एफडीडीआइ रोहतक की शुरुआत साल 2011 में हुई थी। यहां फुटवियर डेवलपमेंट और रिटेल विषय में बैचलर और मास्टर डिग्री कोर्स संचालित है। इसके अलावा कुछ शार्ट टर्म कोर्स गत सत्र से शुरू किए गए हैं। सीओ के संचालन से निकट भविष्य में फुटवियर टेक्नोलाजी में पीएचडी डिग्री भी शुरू की जा सकेगी। सीइओ में स्पोर्ट्स शू टेक्नोलाजी की बारीकियां सीखने के साथ ही प्लेसमेंट में भी विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा। फुटवियर इंडस्ट्री को भी स्किल्ड प्रोफेशनल मिल सकेंगे। एक्सीलेंस सेंटर का कार्य वर्ष 2019 में ही शुरू हो चुका था। सितंबर 2020 तक डेडलाइन थी। लेकिन, कोविड-19 के बाद प्रोजेक्ट काफी समय तक रूक गया था। संस्थान में इसी सप्ताह तीसरा दीक्षांत समारोह मनाया गया है।

सिलेबस में किया गया बदलाव

नान लेदर शू टेक्नोलाजी के तहत सिलेबस में भी बदलाव किया गया है। एफडीडीआइ रोहतक में 90 प्रतिशत तक नान लेदर शू टेक्नोलाजी पर ही काम किया जाएगा। लेदर टेक्नोलाजी के बारे में भी छात्र-छात्राओं को पढ़ाया जाएगा। 15 विशेषज्ञ एक्सीलेंस सेंटर के संचालन के लिए होंगे। इनमें पांच से छह शैक्षणिक कार्य और अन्य लैब वर्क आदि को संभालेंगे। सेंटर में यूके, यूएस, जापान, इटली आदि से मंगाई गई विशेष मशीनें लगाई जाएंगी। फुटवियर इंडस्ट्री टेस्टिंग की सुविधा का इस्तेमाल कर सकेगी। खासकर बहादुरगढ़ की फुटवियर इंडस्ट्री को एक्सीलेंस सेंटर से काफी फायदा होगा।रोहतक ए

अधिकारी के अनुसार

भविष्य नान लेदर फुटवियर का है। इसी को देखते हुए एक्सीलेंस सेंटर बनाया गया है। यह अंतिम चरण में है। उम्मीद है कि जून-2022 में क्लास शुरू कर सकेंगे। लोगों का लाइफस्टाइल बदलता जा रहा है। इंडस्ट्री में नान लेदर शू टेक्नोलाजी में प्रोफेशनल्स की मांग है। एक्सीलेंस सेंटर में विशेषज्ञों से विद्यार्थी शू टेक्नोलाजी सीखेंगे। नान लेदर फुटवियर प्रोडक्ट्स की मांग बढ़ती जा रही है। लोगों का लाइफस्टाइल भी बदलता जा रहा है। नान लेदर में करियर के अपार अवसर हैं।

---- श्याम कटारिया, इंचार्ज, एफडीडीआइ रोहतक।

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