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योग में ढूंढ लिया सेहत का राज, अब रोहतक के 73 वर्षीय राजेंद्र हुड्डा जीत रहे मेडल पर मेडल

पलवल में हुई आल इंडिया योगासन चैंपियनशिप में राजेंद्र ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए अपने आयु वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया है। उनका दावा है कि राष्ट्रीय स्तर पर योगासन मुकाबलों में वे अब तक 25 बार गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।

By Manoj KumarEdited By: Updated: Thu, 14 Jul 2022 01:02 PM (IST)
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रोहतक के राजेंद्र हुड्डा के मन में योग के प्रति ऐसी लगन जगी उन्‍होंने मेडलों की झड़ी लगा दी
रतन चंदेल, रोहतक : राजेंद्र ने जब जाट स्कूल में दाखिला लिया तो उस समय उनके माता-पिता ने उनसे कहा था कि बेटा शिक्षा और स्वास्थ्य का हमेशा ख्याल रखना। मां-बाप की इन्हीं बातों पर वे अब तक चल रहे हैं। अच्छी शिक्षा ग्रहण कर स्कूल शिक्षा विभाग में लेक्चरर लगे और 2009 में सेवानिवृति के बाद से ही स्वास्थ्य पर पहले से अधिक ध्यान दे दिया। उन्होंने योग में स्वास्थ्य का राज ढूंढ लिया और दूसरों को भी प्रेरित करने लगे। मूल रूप से जिला के किलोई गांव निवासी 73 वर्षीय राजेंद्र हुड्डा अब खुद को स्वस्थ रखने के साथ ही दूसरों को भी प्रेरित करते हैं। योग के प्रति उनकी उपलब्धि व कार्य को देखते हुए उन्हें अधिकारियों से लेकर मंत्रियों तक ने सम्मानित भी किया है।

अभी हाल ही में पलवल में हुई आल इंडिया योगासन चैंपियनशिप में राजेंद्र ने उम्दा प्रदर्शन करते हुए अपने आयु वर्ग में गोल्ड मेडल हासिल किया है। राजेंद्र ने 70 से 80 वर्ष के आयु वर्ग में उन्होंने गोल्ड मेडल जीता है। उनका दावा है कि राष्ट्रीय स्तर पर योगासन मुकाबलों में वे अब तक 25 बार गोल्ड मेडल जीत चुके हैं। वहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्होंने तीन गोल्ड मेडल व एक बार कांस्य पदक जीतकर देश का सम्मान बढ़ाया है। शिक्षा एवं योग के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को देखते हुए राज्यपाल ने भी उनको सम्मानित किया है। इसके अलावा अनेक सामाजिक संगठनों की ओर से भी उनको अनेक बार अवार्ड देकर सम्मानित किया जा चुका है।

रोजाना दो घंटे करते हैं अभ्यास

वर्तमान में रामगोपाल कालोनी में रहे रहे राजेंद्र हुड्डा राेजाना दो घंटे अभ्यास करते हैं। उनका कहना है एक घंटा सुबह और एक घंटा शाम के समय वे रोजाना योग का अभ्यास करते हैं। इससे पहले वे वाकिंग भी करते हैं और साइक्लिंग भी उनके लिए अच्छी कसरत है। इससे योगासन करने के लिए शरीर वार्म अप हो जाता है।

नाश्ते में लेते हैं अंकुरित अनाज

जिस उम्र में अनेक लोग अस्पतालों के चक्कर लगाते हैं और अनेक रोगों की दवाईयों का ही प्रयोग करते हैं। उस उम्र में राजेंद्र योग के सहारे अच्छा स्वास्थ्य बनाए हुए हैं। उनका कहना है कि वे नाश्ते में अंकुरित अनाज का प्रयोग करते हैं। जो काफी पौष्टिक होता है। वे कभी भी डिब्बा बंद खाना नहीं खाते हैं। केवल घर का बना खाना की खाते हैं। उनका मानना है अच्छा खाना ही अच्छे स्वास्थ्य कारण होता है।

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