Haryana Politics: क्या फिर तेज हो रही है कांग्रेस में गुटबाजी की सुगबुगाहट? कुमारी सैलजा ने बताया क्या है सच
लोकसभा चुनाव 2024 में इस बार कांग्रेस ने प्रदेश की दस लोकसभा सीटों में से पांच पर जीत हासिल की है। इनमें एक सीट सिरसा भी शामिल है। इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी कुमारी सैलजा सांसद बनी है। लेकिन चुनाव के पश्चात कांग्रेस की गुटबाजी फिर से देखने को मिल रही है। इस पर सैलजा ने जवाब भी दिया है।
संवाद सूत्र, रतिया। लोकसभा चुनाव-2024 में भले ही सिरसा संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस एकजुट नजर आया था। लेकिन चुनाव के पश्चात कांग्रेस की गुटबाजी फिर से देखने को मिल रही है।
कांग्रेस के निर्वाचित हुई सांसद कुमारी सैलजा के रतिया के प्रथम दौरे के दौरान इंपायर गार्डन के अभिवादन समारोह में लगाए गए होर्डिंग से जहां प्रतिपक्ष नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अलावा प्रदेशाध्यक्ष उदयभान की फोटो गायब नजर आई, वहीं पूर्व विधायक जरनैल सिंह भी नजर नहीं आए।
चुनावी कार्यालय में नहीं मनाया जीत का जश्न
सैलजा के इस कार्यक्रम में लगे होर्डिंगों से हुड्डा की फोटो गायब होना तथा पूर्व विधायक का न आना पूरे कार्यक्रम में चर्चा का विषय बना रहा।
हालांकि कांग्रेस के पूर्व विधायक जरनैल सिंह ने सैलजा की जीत के पश्चात के सैलजा समर्थकों के साथ चुनावी कार्यालय में आकर जीत का जश्न नहीं मनाया था, बल्कि अनाज मंडी में अपने समर्थक के कार्यालय पर ही कांग्रेस की जीत का जश्न मनाते हुए लड्डू बांटे थे।
गुटबाजी फिर होने लगी जाहिर
कांग्रेस हाईकमान सहित स्वयं कांग्रेस की सांसद कुमार सैलजा प्रत्येक मंच के माध्यम से ही कार्यकर्ताओं के समक्ष अगले विधानसभा के पड़ाव की जीत की बात कर रही है, मगर लोकसभा चुनाव के पश्चात फिर से उनकी पार्टी की गुटबाजी जाहिर हो रही है।
हालांकि, गुटबाजी के सवाल पर सैलजा ने कहा है कि इतने बड़े परिवार में ऐसा होना स्वभाविक भी है। लेकिन चुनाव के वक्त सभी एकजुट हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पद का फैसला पार्टी हाईकमान करेगा, ऐसे में किसी को भी खुद को सीएम उम्मीदवार कहलवाना उचित नहीं है। सैलजा ने कहा कि यही पार्टी का तरीका है और पिछले लंबे समय से इसी अनुसार ही मुख्यमंत्री का फैसला होता है।
इस गलती को न दोहराया जाए
सिरसा सांसद एवं कांग्रेस महासचिव कुमारी सैलजा का कहना है कि लोकसभा चुनाव में अगर कांग्रेस टिकट और बेहतर तरीके से बांटे गए होते तो परिणाम और बेहतर होते। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में इस गलती को नहीं दोहराया जाएगा। इसके लिए सर्वे और मेरिट के आधार पर कांग्रेस उम्मीदवार विधानसभा चुनावों में उतारे जाएंगे
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