Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

स्कूल में विद्यार्थियों के आक्सीजन लेवल जांचेगा हरियाणा शिक्षा विभाग, हिसार को मिले 750 आक्सीमीटर

शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों के लिए अहतियातन कदम उठाना शुरू कर दिया। स्कूलों में बच्चों की ना केवल तापमान की जांच होगी बल्कि आक्सीजन लेवल भी जांचा जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने हिसार जिला के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के लिए 750 आक्सीमीटर का स्टाक भेजा है।

By Manoj KumarEdited By: Updated: Sun, 08 Aug 2021 11:41 AM (IST)
Hero Image
500 से ज्यादा बच्चों वाले स्कूलों में दो आक्सीमीटर भेजे जाएंगे, शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश

भूपेंद्र पंवार, हिसार। कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले ही शिक्षा विभाग ने भी विद्यार्थियों के लिए अहतियातन कदम उठाना शुरू कर दिया है। स्कूलों में बच्चों की ना केवल तापमान की जांच होगी बल्कि अब विद्यार्थियों का आक्सीजन लेवल भी जांचा जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने हिसार जिला के प्राइमरी और मिडिल स्कूलों के लिए 750 आक्सीमीटर का स्टाक भेज दिया है। प्रत्येक स्कूल में एक आक्सीमीटर उपलब्ध करवाया जाएगा।

हरियाणा स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेशों में कहा गया है कि विद्यालय में एंट्री के समय विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच की जाए। हैंड सैनिटाजर और तापमान की जांच तो करवानी ही होगी, साथ ही अब विद्यार्थियों का आक्सीजन लेवल भी अध्यापकों को जांचना होगा। इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने हिसार में 750 आक्सीमीटर उपलब्ध करवा दिए हैं। प्रत्येक स्कूल में कम से कम एक आक्सीमीटर जरूर भेजा जाएगा। ताकि विद्यार्थियों की समय-समय पर आक्सीजन की जांच की जा सके। जिला में प्राइमरी और मिडिल स्कूलोें की संख्या करीब 600 हैं। 500 विद्यार्थियों तक संख्या वाले स्कूलों में एक-एक अाक्सीमीटर दिया जाएगा जबकि यदि किसी विद्यालय में विद्यार्थियों की 500 से ज्यादा संख्या है तो वहां दो आक्सीमीटर भेजे जाएंगे।

जानिए क्यों जरूरी है आक्सीमीटर

पल्स आाक्सीमीटर डिजिटल डिस्पले वाली एक छोटी डिवाइस मशीन होती है। इसे पीपीओ यानी पोर्टेबल प्लस आाक्सीमीटर भी कहा जाता है। पेपर या क्लाथ क्लिप की तरह इसे पीछे से दबाकर अंगुली में फंसाया जाता है। इसे चालू करने पर डिवाइस की मदद से जांचने वाले का नब्ज और खून में आक्सीजन लेवल कम-ज्यादा या सामान्य होने का पता चलता है, क्योंकि डिजिटल डिस्पले में इसकी रीडिंग दिख जाती है। शरीर में आक्सीजन की मात्रा जांचने के लिए आक्सीमीटर सबसे जरूरी उपकरण है। हालांकि इस समय स्कूलों में डिजिटल थर्मा मीटर या स्कैनर पहले ही भेजे गए हैं। इससे विद्यार्थी की सेहत का मापन होने में फायदा मिलेगा। छात्र की तबीयत खराब होने पर पता लगते ही शीघ्र चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सकेगी। रीडिंग की जांच से प्रतिदिन अभिभावकों को संतुष्टि रहेगी कि उनका बच्चा कोरोना से सुरक्षित है। स्कूलों में रोजाना सेनेटाइजर, मास्क, थर्मल स्कैनर के साथ आक्सीमीटर से भी जांचा जाएगा, इससे उनकी हेल्थ ही रोजाना अपडेट रहेगी।

आक्सीमीटर का स्टाक आ गया है : धनपत राम

स्कूलो में आने वाले विद्यार्थियों का आक्सीजन लेवल भी अब जांचा जाएगा। इसके लिए विभाग ने डिजिटल आक्सीमीटर उपलब्ध करवा दिए हैं। सभी प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में एक-एक आक्सीमीटर भेजा जाएगा। ताकि विद्यार्थियों की आक्सीजन लेवल जांची जा सके।

- धनपत राम, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी, हिसार।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर