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Narnaund Assembly Seat: कैप्टन Vs जसबीर...अभिमन्यु के सामने युवा 'चक्रव्यूह' की चुनौती; क्या है नारनौंद का पूरा गणित?

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Vidhan Sabha Election 2024) के बीच नारनौंद विधानसभा सीट की चर्चा हो रही है। यह सीट प्रदेश की हॉट सीटों में से एक है। वैसे तो देवीलाल परिवार के प्रभुत्व वाली इस सीट पर मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है लेकिन इनेलो प्रत्याशी उमेद लोहन इस लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में लगे हुए हैं।

By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Wed, 25 Sep 2024 06:06 PM (IST)
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नारनौंद विधानसभा सीट का क्या है हाल?
अमित धवन, हिसार। बागड़ बेल्ट का प्रवेश द्वार नारनौंद बड़ा विधानसभा क्षेत्र है। यह जींद जिलों की विधानसभा सीटों से सटा है और जाट बाहुल्य है। भाजपा की ओर से दूसरी बार चुनावी रण में उतरे पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु। देवीलाल परिवार का गढ़ रही इस सीट पर जीत हासिल करना भाजपा-कांग्रेस दोनों के लिए चुनौती है।

कांग्रेस ने युवा जसबीर सिंह उर्फ जस्सी पेटवाड़ को मैदान में उतारा है। पिछली बार वह इनेलो के टिकट पर लड़े थे। इनेलो ने अनुभवी नेता उमेद लोहान को उतारा है। पहले भी उमेद चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन वह जीत नहीं पाए थे। वहीं, जजपा ने युवा योगेश गौतम को चुनाव मैदान में उतारा है।

उमेद लोहान ने बनाया त्रिकोणीय मुकाबला

वैसे तो भाजपा और कांग्रेस में आमने-सामने का मुकाबला है, लेकिन इनेलो प्रत्याशी इसे त्रिकोणीय बनाने में पूरा जोर लगाए हुए हैं। भाजपा प्रत्याशी पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु इस सीट पर 2014 में पहली बार विधायक बने थे।

उस समय सरकार में वह वित्तमंत्री भी बने थे, लेकिन 2019 का चुनाव वह हार गए थे। इसी प्रकार कांग्रेस प्रत्याशी जस्सी पेटवाड़ के सामने चुनौती है। 2019 से इनेलो की टिकट से लड़े जस्सी चुनाव हारे थे तो अब कांग्रेस से चुनाव मैदान में है।

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इसलिए हॉट सीट है नारनौंद

देवीलाल परिवार के प्रभुत्व वाली सीट पर भाजपा दो बार जीत चुकी है। कांग्रेस ने भी दो बार ही इस सीट में सेंध लगाई है। भाजपा से पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु है। राष्ट्रीय प्रवक्ता रहने के अलावा वह देश के बड़े उद्योगपति भी हैं। राष्ट्रीय राजनीति में भी उनका कद है।

इसी प्रकार कांग्रेस की तरफ से जसबीर को टिकट देने के बाद वह उनको टक्कर दे रहे हैं। इसी सीट पर जिस भी पार्टी के नेता की जीत होगी उसकी प्रदेश सरकार की राजनीति में एक हिस्सेदारी हो सकती हैं। कारण है कि नारनौंद के साथ लगते जींद क्षेत्र को भी प्रभावित करता है।

हिसार जिले में दूसरा सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र

सात विधानसभा क्षेत्र वाले हिसार जिले में नारनौंद अपने आप में खास है। उकलाना हलके के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र हैं। मतदाता प्रतिशत भी मतदान के दिन काफी ज्यादा रहता है।

2019 के चुनाव को देखें तो उस चुनाव में 77.31 प्रतिशत यानी एक लाख 53 हजार 344 वोट पोल हुए थे। ग्रामीण इलाकों को देखे तो 59 गांव आते हैं। जाट बाहुल्य के साथ अनुसूचित जाति वर्ग का भी यहां काफी वोट बैंक हैं। यह क्षेत्र हांसी विधानसभा क्षेत्र को भी एक तरह से प्रभावित करता है।

देवीलाल की पार्टी से सबसे ज्यादा विधायकों ने दर्ज की जीत

पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की पार्टी का यहां दबदबा रहा है। उनकी पार्टी के ही विधायक सबसे ज्यादा रहे हैं। उस समय देवीलाल की जनता पार्टी, लोकदल और जनता दल से वीरेंद्र सिंह विधायक बने थे। वह अकेले विधायक थे, जो चार बार लगातार जीते। प्रो. रामभगत शर्मा भी विधायक बने थे। 2009 में सरोज पहली बार इनेलो टिकट पर महिला विधायक बनी थी।

जाट समुदाय को साथ लाना कैप्टन अभिमन्यु की चुनौती

भाजपा प्रत्याशी एवं पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। साथ ही जाट समुदाय के मतदाताओं को साथ लेकर चलना है। किसान आंदोलन के चलते किसान उनसे नाराज चल रहे हैं। उनके सामने बड़ी चुनौती है कि वह भाजपा को गांवों में बढ़त दिलाए।

जसबीर सिंह को सैलजा पर टिप्पणी पड़ सकती भारी

जसबीर सिंह उर्फ जस्सी के सामने खुद की पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता ही चुनौती बने हुए हैं। टिकट नहीं मिलने से वह नाराज हैं। हालांकि, जस्सी उन्हें मनाने में जुटे हैं। नामांकन के दिन हुए कुमारी सैलजा पर टिप्पणी के बाद अनुसूचित जाति वर्ग के लोग भी कांग्रेस प्रत्याशी से नाराज चल रहे हैं।

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