Farmers Protest: टीकरी बॉर्डर में मंच पर हरियाणा भाकियू नेता चढूनी को रोका, फिर तेवर हुए गरम
Farmers Protest हरियाणा-दिल्ली टीकरी बार्डर पर आंदोलन की रहे किसानों में बुधवार को फूट नजर आई। आंदोलन के मंच पर हरियाणा के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (चढ़़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी को मंच पर बोलने से रोक दिया गया। इस पर विवाद पैदा हो गया।
By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Thu, 17 Dec 2020 09:37 AM (IST)
बहादुरगढ़, जेएनएन। Farmers Protest: यहां हरियाणा-दिल्ली टीकरी बार्डर पर आंदोलनकारी किसानों के बीच बुधवार को विवाद पैदा हो गया। हरियाणा के किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के प्रधान गुरनाम सिंह चढ़ूनी काे आंदोलन के मंच पर बोलने से रोक दिया गया। इस पर चढ़ूनी के तेवर गरम हो गए और हंगामा मच गया। बाद में अन्य नेताओं के मनाने पर चढ़ूनी मंच पर बोले तो उन्होंने आंदोलन को चलाने की कोशिश कर रहे नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, हरियाणा के किसानों की इज्जत करो, वरना आंदोलन टूट जाएगा।
किसान आंदोलन के बीच टीकरी बॉर्डर के स्टेज पर बुधवार की सायं यह अप्रत्याशित घटना हुई। आरोप है कि भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी यहां पहुंचे तो मंच पर उनकाे कुछ लोगों ने बोलने से रो दिया। हुआ। उनके संबोधन को लेकर पंजाब के किसानों ने आपत्ति जताई। उनका कहना था कि बेरिकेड हमने तोड़े, मुकदमे हम पर दर्ज हुए और अब तुम अपना नाम कर रहे हो। इस पर बहस हुई तो चढूनी नाराज हो गए और मंच से नीचे उतर आए। इससे सभा में उपस्थित किसान भी हैरान रह गए। सभी खड़े हो गए।
बोले- हरियाणा वालों की इज्जत करो, वरना टूट जाएगा आंदोलन
इसके बाद कुछ किसान नेताओं ने चढूनी को मनाया और दोबारा स्टेज पर लेकर आए। मंच से नीचे चढूनी के पीछे खड़े एक किसान के साथ धक्का-मुक्की भी हुई। उस किसान के पैर में स्टेज की मेज लगने से हल्की चोट भी आई। इसके बाद चढूनी मंच पर ज्यादा नहीं बोले। उनका दर्द छलक उठा। उन्होंने इतना ही कहा, हरियाणा के किसानों की इज्जत करो। मंच किसी एक राज्य के किसानों का नहीं है। यह साझा मंच है। ऐसा व्यवहार किया जाएगा तो आंदोलन टूट जाएगा। इसकी जिम्मेदारी पंजाब के किसानों की होगी।
नाराज होकर नीचे उतरे, फिर किसान नेताओं ने मनाया तो संबोधन किया
उन्होंने चेताया कि मंच पर जो रोब दिखाते हैं, वे इस आंदोलन के लिए सही नहीं है। आगे से इस तरह की हरकत न होने पाए। आंदोलन के 21वें दिन हुई इस घटना ने सबको चौंका दिया। इससे पहले कई मिनटों तक चढूनी मंच पर ही रहे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत भी की। इसमें उन्होंने कहा कि अभी यह आंदोलन का मसला सुलझता नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि सरकार जो किसानों को देना चाहती है वह हमें मंजूर नहीं है। हम सरकार से जो मांग रहे हैं वह सरकार देना नहीं चाहती।
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चढ़नी ने कहा कि अभी तक जो वार्ता हुई है उसमें किसानों की मांग यही रही है कि कानून रद किए जाएं लेकिन सरकार कानूनों में संशोधन की बात करके गुमराह करना चाहती है। जब तक किसानों की मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन चलेगा। इधर, टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रही 15 सदस्यीय कमेटी के सदस्य राजेंद्र सिंह ने गुरनाम चढूनी के साथ हुई घटना को लेकर कहा कि इस तरह की छोटी-मोटी बात हो जाती है। इसको ठीक कर लिया जाएगा।
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