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Haryana Politics: क्या हरियाणा में INLD बदलेगा सियासी तस्वीर? भाजपा-कांग्रेस के खिलाफ नया दांव खेलने की फिराक में अभय चौटाला

इसी साल अक्टूबर में हरियाणा में विधानसभा का चुनाव होना है। विधानसभा चुनाव के दौरान नये राजनीतिक गठजोड़ देखने को मिल सकते हैं। इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला और अभय सिंह ने पहले भी लोकसभा चुनाव से पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन के प्रयास किए थे। खबर है कि इनेलो आम आदमी पार्टी के साथ भी गठजोड़ कर सकती है।

By Anurag Aggarwa Edited By: Prince Sharma Updated: Wed, 03 Jul 2024 06:18 PM (IST)
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Haryana Politics News: इनेलो राष्ट्रीय महासचिव अभय चौटाला (Jagran File Photo)
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। हरियाणा में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान नये राजनीतिक गठजोड़ देखने को मिल सकते हैं।

सत्तारूढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विरुद्ध यह गठजोड़ होगा, जिसे महागठबंधन का नाम देने की तैयारी है।

इनेलो के प्रधान महासचिव एवं विधायक अभय चौटाला (Abhay Chautala) तथा इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल माजरा (Ramlal Majra) की ओर से इस महागठबंधन के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए भाजपा व कांग्रेस के कुछ असंतुष्ट नेता भी अभय चौटाला के संपर्क में बताए जा रहे हैं।

अलग राज्य स्तरीय गठबंधन बनाने की तैयारी में इनेलो

इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला (OP Chautala) और अभय सिंह ने लोकसभा चुनाव से पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन के प्रयास किए थे। पूर्व उपप्रधानमंत्री ताऊ देवीलाल (Tau Devilal) की जयंती पर हरियाणा में हर साल होने वाली रैली में इस महागठबंधन की रूपरेखा तैयार की गई थी।

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यह महागठबंधन बना भी, लेकिन इनेलो को जब इसमें शामिल नहीं किया गया तो अभय सिंह चौटाला ने हरियाणा में अपने स्तर पर अब अलग राज्य स्तरीय महागठबंधन तैयार करने की दिशा में प्रयास आरंभ कर दिए हैं। इसके लिए अभय सिंह और रामपाल माजरा दोनों भाजपा व कांग्रेस विरोधी दलों के साथ बातचीत करने में लगे हैं।

गठबंधन में नए दल होंगे शामिल

इस गठबंधन में अभय सिंह की सोच वाले महागठबंधन में ऐसे दलों को भी शामिल किया जाएगा, जो नये-नये अस्तित्व में आए हैं, लेकिन उन्हें राजनीति का बढ़िया प्लेटफार्म नहीं मिल रहा है। इस महागठबंधन में इनेलो की ओर से जननायक जनता पार्टी (जजपा) को शामिल नहीं किया जाएगा।

इनेलो में फूट के बाद ही जजपा राजनीतिक रूप से अस्तित्व में आई थी। हरियाणा में एक सीट पर होन वाले राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने विपक्षी दलों को अपना एक साझा उम्मीदवार खड़ा करने की पेशकश भी की है। इनेलो व जजपा इस पेशकश को भाजपा को जिताने का कांग्रेस का राजनीतिक प्रयास मानकर चल रहे हैं।

कांग्रेस ने इनेलो और जजपा के लिए रखा है ये प्रस्ताव

कांग्रेस ने कहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिए उसके पास विधायकों का पर्याप्त संख्या बल नहीं है। इसलिए जजपा व इनेलो मिलकर अपना उम्मीदवार ले आएं तो कांग्रेस उनका समर्थन कर देगी। 10 विधायकों वाली जजपा पहले ही फूट का शिकार है और इनेलो के पास सिर्फ एक विधायक है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इन दलों के सामने 14 विधायकों के समर्थन वाला राज्यसभा उम्मीदवार लाने की पेशकश की है, जो किसी भी सूरत में पूरी होती नजर नहीं आ रही है।

इस स्थिति में राज्यसभा के चुनाव में भाजपा समर्थित उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है। कांग्रेस की इसी रणनीति को अपने विरुद्ध मानते हुए इनेलो ने उसके साथ किसी तरह के गठजोड़ से इन्कार कर दिया है।

आम आदमी पार्टी से गठबंधन की भी संभावना

आम आदमी पार्टी चूंकि कुरुक्षेत्र लोकसभा के चुनाव में इनेलो प्रत्याशी अभय सिंह चौटाला के विरुद्ध अपना उम्मीदवार उतार चुकी है तो ऐसे में आप और इनेलो इकट्ठा होंगे, इसका दावा करना जल्दबाजी होगी।

इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रामपाल माजरा ने संकेत दिए हैं कि समान विचारधारा वाले दलों को एकजुट करने के अभय सिंह चौटाला के प्रयास जल्दी ही धरातल पर फलीभूत होते नजर आएंगे। इसके लिए ग्राउंड पर बड़ी तेजी के साथ काम चल रहा है।

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