Haryana Weather, Rain and Lightning ALERT! हरियाणा के छह जिले रेड अलर्ट पर, भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना
रेड अलर्ट वाले जिलों के अलावा आरेंज अलर्ट वाले जिलों में यमुनानगर कुरुक्षेत्र कैथल करनाल महेंद्रगढ़ मेवात पलवल फरीदाबाद पानीपत हिसार जींद भिवानी शामिल हैं। इनमें से कुछ जिलों में कल के बाद बारिश की भारी संभावना कम रह जाएगी।
By Manoj KumarEdited By: Updated: Wed, 21 Jul 2021 03:54 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हिसार। Haryana Weather, Rain and Lightning ALERT! हरियाणा में पिछले दो दिनों से कई जिलों में बारिश हो रही है। हिसार में भी रुक-रुककर बारिश हो रही है। मगर तेज बारिश नहीं हुई है। आज सुबह बादल भी छंटे और धूप भी निकली मगर बारिश होने की संभावना आज भी बनी रहेगी। हिसार में बेहद कम बारिश हुई है जबकि आसपास के जिलों में मंगलवार को भारी बारिश हुई। वहीं, मौसम विज्ञानियों ने बुधवार को भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
हरियाणा के के छह जिलों में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। यह जिले सोनीपत, रोहतक, गुरुग्राम, झज्जर, रेवाड़ी, चरखी दादरी हैं। यहां अधिक से अधिक बारिश होने की संभावना है। जिसमें सोनीपत में तो एक दिन पहले प्रदेश की सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं आरेंज अलर्ट वाले जिलों में यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, पानीपत, हिसार, जींद, भिवानी शामिल हैं। इनमें से कुछ जिलों में कल के बाद बारिश की भारी संभावना कम रह जाएगी। मगर इतनी बारिश से प्रदेश में हर शहर का तापमान सात से आठ डिग्री सेल्सियस गिर गया है। 21 जुलाई तक बारिश के आसार हैं। मगर आगे भी मानसून सक्रिय होता रहेगा।
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यह हैं यलो अलर्ट वाले शहरयलो अलर्ट वाले शहरों में फतेहाबाद, सिरसा, अंबाला, पंचकूला शामिल हैं। यहां औसतन बारिश भी कम हुई है। मानसून सर्वाधिक उत्तरी और दक्षिणी हरियाणा में सक्रिय हुआ है। मगर हिसार, सिरसा और फतेहाबाद में अधिक तेज बारिश देखने को नहीं मिली। मंगलवार को भी बारिश आने की संभावना है।
-----------क्या होता है रेड, आरेंज और यलो अलर्ट का मतलब
रेड अलर्ट अति तीव्र बारिश, आंधी और तूफान आने की संभावना को दर्शाता है। वहीं आरेंज अलर्ट अधिक से बहुत अधिक बारिश, आंधी व गरज चमक के साथ तूफान की संभावना को दिखाता है। इसी प्रकार यलो अलर्ट- अधिक बारिश की संभावना को दर्शाता है।-----------बारिश फसलों के लिए लाभदायकचौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डा. एसके सहरावत ने बताया यह बारिश सभी फसलों के लिए लाभदायक है। अभी तक मानसून सक्रिय न होने के कारण सभी फसलों में पानी की आवश्यकता थी। मगर अब मानसून की बारिश इस जरूरत को पूरा करेगी। विशेषकर धान की फसल के लिए बारिश काफी फायदेमंद है। किसान बारिश का फायदा उठाकर धान लगा सकते हैं। इसके साथ ही कपास की फसल में किसान जल निकासी का प्रबंध करें क्योंकि अधिक पानी जमा होने से फसल में नुकसान हो सकता है। ग्वार बाजरा बोने के इच्छुक किसान विश्वविद्यालय द्वारा रिकमंडेड बीजों का प्रबंध कर ले जब बारिश रुक जाए तब खेत को तैयार कर इसकी बिजाई करें।
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