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Haryana News: कल किया जाएगा जांबाज संतलाल का अंतिम संस्कार, आज आएगा पार्थिव शरीर, दुश्मनों से लोहा लेते श्रीनगर में हुए थे बलिदान

Haryana News बलिदान संतलाल का कल राजकीय सम्मान के सात अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनका पार्थिव शरीर रात में आएगा। दुश्मनों से लोहा लेते हुए वे श्रीनगर में बलिदान हुए थे। उनके बलिदान पर पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। संतलाल की शादी दो साल पहले हुई थी और तीन महीने पहले ही उनके घर बेटे ने जन्म लिया था।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Thu, 04 Jul 2024 07:11 PM (IST)
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Haryana News: बलिदान संतलाल का कल होगा अंतिम संस्कार, श्रीनगर में हुए शहीद।

संवाद सहयोगी, हांसी। ढाणी कुतुबपुर गांव का बेटा श्रीनगर में उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में देश की रक्षा करते हुए देश के लिए बलिदान दे दिया। बलिदानी हुए जवान के पार्थिव शरीर को रात तक गांव लाया जाएगा और शुक्रवार सुबह शहीद संतलाल के शव का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। संतलाल के श्रीनगर में शहीद होने की सूचना मिलते ही पूरे गांव और परिजनों में मातम का माहौल छा गया और ग्रामीणों का घर के बाहर तांता लग गया।

संतलाल की उम्र 24 वर्ष थी। संतलाल परिवार में सबसे छोटा था और करीब पांच साल पहले ही सेना में भर्ती हुआ था। इस साल अप्रैल में छुट्टी काटने के बाद ड्यूटी पर वापस लौटा था। अब परिवार के सदस्य नवंबर में उसके छुट्टी आने की राह देख रहे थे कि बुधवार को अचानक उनके बलिदान होने की सूचना मिली।

तब से संतलाल के माता-पिता व पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल है। ग्रामीणों ने कहा कि संतलाल सैनिक होने के साथ साथ संस्कारी भी था। गांव आने पर हमेशा बड़ों का सम्मान व छोटों को प्यार देता था।

बेटे के जलवा पुजन के बाद ड्यूटी पर लौट था संतलाल

संतलाल की शादी दो साल पहले हुई थी और तीन महीने पहले ही उनके घर बेटे ने जन्म लिया था। संतलाल अपने बेटे के जलवा पूजन के कार्यक्रम के बाद वापस ड्यूटी पर लौट गया था। बलिदानी संतलाल का एक बड़ा भाई तथा दो बड़ी बहनें हैं। संतलाल परिवार में सबसे छोटा था।

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परिवार के सदस्य उसके छुट्टी आने की राह देख रहे थे कि बुधवार को अचानक उनके देश के लिए बलिदान होने की सूचना से परिवार नहीं, पूरा गांव गमनीम हो गया। संतलाल की खेलों में रुचि थी तथा वह कबड्डी व कुश्ती का अच्छा खिलाड़ी था।

सरकारी नौकरी लगने वाला पहला बेटा था संतलाल

संतलाल के पिता सुभाष गांव में चौकीदार है। ग्रामीणों के अनुसार संतलाल अपने परिवार में इकलौता था जो सरकारी नौकरी लगा था। वह फौज में सिपाही के पद पर तैनात था। फौज में तैनात सीईओ ने संतलाल के देश के लिए बलिदान होने की सूचना उसके पिता को दी थी।

संतलाल के पार्थिव शरीर को जहाज से चंडीगढ़ एयरपोर्ट लाया जाएगा। जहां से उसे बाई रोड गांव लाया जाएगा। गांव में राजकीय सम्मान के साथ उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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