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Haryana News: विधानसभा चुनाव से पहले बनेंगे नए जिले और उपमंडल, तीन महीने में रिपोर्ट सौपेगी कमेटी, दौड़ में ये नाम सबसे आगे

Haryana News विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में नए जिले बन सकते हैं। इनमें से पांच नाम सबसे आगे चल रहे हैं जो नए जिले बन सकते हैं। इसके साथ ही उमंडल और तहसील भी बन सकते हैं। इसके लिए कमेटी गठित की गई है। तीन महीने के अंदर रिपोर्ट सौपेगी। प्रदेश में 22 जिले छह मंडल 80 उपमंडल और 94 तहसील हैं।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Published: Fri, 21 Jun 2024 12:43 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jun 2024 12:43 PM (IST)
Haryana News: नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री हरियाणा

सुधीर तंवर, चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनावों से पहले नए जिले, उपमंडल, तहसीलें और उप तहसीलें बनाने की तैयारी है। प्रदेश सरकार ने कृषि मंत्री कंवर पाल गुर्जर की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है, जो जिलों, उपमंडलों, तहसीलों, उप तहसीलों, ब्लाक, पंचायत और पंचायत समितियों के पुनर्गठन पर तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

असंध, हांसी, डबवाली, मानेसर और गोहाना नए जिले बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। इसके अलावा बवानीखेड़ा और कलानौर को उपमंडल बनाया जा सकता है। वित्तायुक्त टीवीएसएन प्रसाद द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक वित्त मंत्री जय प्रकाश दलाल, विकास एवं पंचायत राज्य मंत्री महिपाल ढांडा और शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा इस कमेटी में सदस्य होंगे।

प्रदेश में अभी 22 जिले

वित्तायुक्त और राजस्व एवं आपदा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव प्रशासनिक ढांचे के मूल्यांकन में कमेटी की मदद करेंगे। समिति चाहे तो कुछ विधायकों को भी कमेटी में शामिल कर सकती है। प्रदेश में इस समय 22 जिले हैं। लंबे समय से असंध, हांसी, डबवाली, मानेसर और गोहाना को जिला बनाने की मांग उठती आ रही है।

हांसी और डबवाली फिलहाल पुलिस जिले हैं। इसलिए इनके सामान्य जिले बनने में कोई अधिक बाधा नहीं है। इससे पहले तत्कालीन उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की अध्यक्षता में गठित शिक्षा मंत्री कंवर पाल और सहकारिता मंत्री डा. बनवारी लाल की कमेटी की सिफारिश पर सरकार ने पिछले साल दिसंबर में प्रशासनिक कार्यों को सुगम बनाने के लिए छह नए उपमंडल बनाए थे।

इनको मिल सकता है उपमंडल का दर्जा

इनमें मानेसर (गुरुग्राम), नीलोखेड़ी (करनाल), इसराना (पानीपत), छछरौली (यमुनानगर), नांगल चौधरी (महेंद्रगढ़) और जुलाना (जींद) शामिल हैं। हालांकि तब सरकार की घोषणा के बावजूद भिवानी के बवानीखेड़ा और रोहतक के कलानौर को उपमंडल बनाने का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था। नई कमेटी की सिफारिश पर बवानीखेड़ा और कलानौर को उपमंडल का दर्जा दिया जा सकता है।

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2018 में लाडवा को उपमंडल का दर्जा

प्रदेश में 22 जिले, छह मंडल, 80 उपमंडल और 94 तहसील वर्तमान प्रशासनिक ढांचे की बात करें तो प्रदेश में 22 जिले, छह मंडल, 80 उपमंडल और 94 तहसील हैं। इसके अलावा 49 उप तहसील, 140 ब्लाक, 154 शहर और 6841 गांव हैं।

मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में तत्कालीन कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ की अध्यक्षता में गठित कमेटी की सिफारिश पर अंबाला कैंट, बाढड़ा, बड़खल, नारनौंद, बादली, उचाना, घरोंडा, पुन्हाना और रादौर को उपमंडल बनाया गया था।

इसके अलावा 10 नई तहसीलें और तीन नई उप-तहसीलें भी बनाई गईं। इसी तरह 2017 में तावड़ू और 2018 में लाडवा को उपमंडल का दर्जा दिया गया था।

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