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हरियाणा में बदलेंगे नंबरदारी के नियम, नई भर्तियां करने की तैयारी में नायब सरकार; कुछ दिनों में हो सकती है घोषणा

हरियाणा में नंबरदार से जुड़े नियमों में प्रदेश सरकार कुछ बदलाव कर सकती है। नायब सरकार इस बाबत नंबरदार की रुकी हुई भर्तियों को हटाने का निर्णय कर सकती है। वहीं तहसील कार्यालयों में नंबरदारों के बैठने के लिए कमरे की व्यवस्था और 75 वर्ष की उम्र में नंबरदारों के रिटायरमेंट से जुड़े फैसले आने वाले दिनों में किए जा सकते हैं।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 10 Aug 2024 02:41 PM (IST)
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हरियाणा में नंबरदार के रुके हुए पद पर हो सकती हैं भर्तियां (जागरण फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले हर वर्ग को साधने में जुटे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी नंबरदारों को खुश कर सकते हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य में नंबरदारों की नई भर्ती पर रोक लगा रखी है। मुख्यमंत्री इस भर्ती पर लगी रोक हटाने के साथ ही 75 वर्ष की उम्र में नंबरदारों की रिटायरमेंट होने का फैसला वापस ले सकते हैं।

बेटे को भी दी जा सकेगी नंबरदारी

तहसील कार्यालयों में नंबरदारों के बैठने के लिए एक कमरे की व्यवस्था हो सकती है और साथ ही नंबरदार के बेटे को नंबरदारी देने का निर्णय लिया जा सकता है।

अगले कुछ दिनों में सम्मेलन कर घोषणाएं हो सकती है। शहरी निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा के हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी नंबरदारों की अधिकतर मांगों को पूरा करने पर सैद्धांतिक रूप से सहमत बताए जा रहे हैं।

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हरियाणा नंबरदार एसोसिएशन शनिवार को कुरुक्षेत्र में बैठक करेगी, जिसमें जिला प्रधानों के अलावा तहसीलों के प्रधान भी बुलाए गए हैं। इस राज्यस्तरीय बैठक में नंबरदारों की मांगों को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा।

एसोसिएशन के पदाधिकारी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के सामने भी अपनी मांग उठा चुके हैं। वे मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं।

वर्तमान में नंबरदार के 18 हजार पद कार्यरत

शहरी स्थानीय निकाय राज्य मंत्री सुभाष सुधा से भी नंबरदारों की मिलने की योजना है, जिसके बाद उनका मुख्यमंत्री से मिलने का समय निर्धारित किया जा सकता है।

तहसीलों में काम करने वाले नंबरदार राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अंतर्गत आते हैं। यह विभाग मुख्यमंत्री नायब सैनी के पास है।

हरियाणा में नंबरदारों के 28 हजार स्वीकृत पद हैं। वर्तमान में 18 हजार नंबरदार कार्यरत हैं। बाकी पद खाली हैं, जिन्हें नई नियुक्तियों से भरने की घोषणा की जा सकती है।

तहसीलों में वेरिफिकेशन का काम प्रभावित

नंबरदारों के खाली पदों की वजह से तहसीलों में वेरिफिकेशन का काम प्रभावित हो रहा है। पहले सरकार ने संबंधित गांव के ही वकील को वेरिफिकेशन के अधिकार दे दिए थे, लेकिन अब इस पर भी रोक लगी हुई है। ऐसे में दूसरे गांव के नंबरदार से वेरिफिकेशन करवानी होती है।

नंबरदारों को वर्तमान में तीन हजार रुपये मासिक मानदेय मिलता है। मानदेय भी कई बार छह महीने में तो कभी आठ महीने में आता है।

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