Haryana News: इस बार भी बारिश में डूबेंगे हरियाणा के ये शहर, अधूरा रह गया सीवरेज सफाई का काम, पानीपत की स्थिति बेहद गंभीर
Haryana News हरियाणा के कई जिलों में सीवरेज सफाई का काम अधूरा है। इससे तय है कि कई जिले बारिश में इस बार भी डूबेंगे। प्री मानसून की वर्षा ने ही प्रशासन की तैयारियों पोल खोल दी। न जलभराव रुका न गलियों से पानी उतरा। पानीपत में हर साल की तरह जीटी रोड पर 11 एमएम वर्षा से जलभराव हो गया था।
जागरण टीम, पानीपत/हिसार। मानसून में जलभराव रोकने के लिए प्रदेश में तमाम रणनीति बनती है। सीवर पाइप लाइन, ड्रेन, नालों की सफाई के लिए टेंडर जारी होते हैं। जनता की मुश्किलों के समाधान के तमाम दावे किए जाते हैं। लेकिन, मानसून की वर्षा के सामने सारे दावे, रणनीति अव्यवस्था के बहाव में बह जाती है। प्रदेश में जब इसकी पड़ताल की गई तो दावे पुख्ता हो गए।
अभी तक प्रदेश के 10 से ज्यादा जिलों में सीवरेज सफाई का काम 50 फीसद भी पूरा नहीं हुआ है। पढ़ें इस अव्यवस्था की पड़ताल करती हुई जागरण टीम की ये रिपोर्ट...।
प्री मानसून बारिश ने खोली पोल
प्री मानसून की वर्षा ने ही प्रशासन की तैयारियों पोल खोल दी। न जलभराव रुका, न गलियों से पानी उतरा। पानीपत में हर साल की तरह जीटी रोड पर 11 एमएम वर्षा से जलभराव हो गया था। मानसून में तो शहरवासियों को मुश्किलें और ज्यादा होंगी।
हिसार, पानीपत सहित कई जिलों में अभी तक मुख्य बरसाती नालों की सफाई शुरू नहीं हो पाई है। वजह है, लोकसभा चुनाव की तैयारियों में प्रशासन जुटा रहा। आचार संहिता की वजह से ड्रेन और नाले से लेकर सीवर की सफाई का टेंडर नहीं हो सका था। चुनाव खत्म होने के बाद अब विभाग तैयारी कर रहा था कि प्री-मानसून ने दस्तक दे दी और शहर का आधा हिस्सा बरसाती पानी से डूब गया।
12 से ज्यादा जिलों में सीवरेज का काम अधूरा
कैथल शहर में करीब 140 किमी बरसाती नाला बनाया गया है। इसकी सफाई के लिए 100 से ज्यादा कर्मचारी लगाए गए हुए हैं। अब तक 80 प्रतिशत सफाई कार्य पूरा होने के दावे किए जा रहे हैं। रेलवे अंडरपास सहित सिविल अस्पताल, लघु सचिवालय में लगाए गए वाटर रिचार्ज बोर भी बदहाल पड़े हुए हैं। प्रदेश में पानीपत, हिसार, यमुनानगर सहित 12 से ज्यादा जिलों में सीवरेज पाइप लाइन, नालों व ड्रेन की सफाई का काम अधूरा है।
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पानीपत में स्थिति गंभीर
शहर में पानी निकासी का करीब 50 प्रतिशत काम अधूरा पड़ा है। इसमें ड्रेन, सीवर लाइन से लेकर नालों का सफाई काम किया जाना है। शहर में करीब 150 किमी लंबे खुले नाले के साथ ड्रेन को तो साफ कराने का काम हुआ, लेकिन बरसाती पानी निकासी के ड्रेन से लेकर करीब 1600 किमी लंबी सीवर लाइन की पूरी तरह से सफाई नहीं हो सकी है।
10 साल से समालखा, जीटी रोड सिवाह, जीटी रोड खादी आश्रम, जीटी रोड गोहाना मोड, जीटी रोड लाल बत्ती चौक, जीटी रोड लाल बत्ती सहित कई जगहों में मानसून के समय जलभराव की समस्या दूर नहीं हो सकी है। असंध रोड पर करोड़ों खर्च करके अंडर पास का निर्माण के बावजूद वर्षा होने पर जलभराव से आवागमन बंद हो जाता है।
रोहतक में 11 टीमें भी पूरा नहीं कर पाईं काम
रोहतक में 550 किमी तक सीवरेज लाइन है। 40 से अधिक नालों की सफाई के लिए नगर निगम की 11 टीम नियमित 40 नालों की सफाई के कार्य में जुटी हुई हैं। नौ जेसीबी, 10 ट्रैक्टर, 40 नगर निगम के पक्के और 32 एक निजी एजेंसी के कर्मचारी लगे हैं। अभी तक सफाई का कार्य 50 फीसद ही पूरा हो पाया है। भिवानी में जनस्वास्थ्य विभाग आठ जगह जनरेटर लगा पानी निकासी करता है। जिसके अभी तक टेंडर भी नहीं किए गए।
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