हरियाणा: पीएम गति शक्ति परियोजनाओं की निगरानी के लिए समिति का गठन, कई विभाग के अधिकारी होंगे शामिल
हरियाणा में पीएम गति शक्ति परियोजनाओं की निगरानी के लिए जिला स्तर पर समन्वय समितियों का गठन किया जाएगा। उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित इन समितियों में विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। समितियां परियोजनाओं की योजना और क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता ने डीसीसी बनाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में पीएम गति शक्ति के तहत संचालित परियोजनाओं की निगरानी के लिए सभी जिलों में समन्वय समिति बनाई जाएंगी। उपायुक्तों की अध्यक्षता में गठित समन्वय समितियों में एक दर्जन विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। यह समितियां विभिन्न परियोजनाओं की योजना बनाने और इनके क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता ने जिला स्तरीय योजना और मूल्यांकन के लिए संस्थागत तंत्र स्थापित करने को जिला समन्वय समिति (डीसीसी) बनाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
ये अधिकारी होंगे शामिल
डीसी की अध्यक्षता में गठित समिति में जिला वन अधिकारी (डीएफओ), जिला ग्रामीण विकास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी, विकास प्राधिकरण के सीईओ और नगर आयुक्त, जिला भू-अर्जन अधिकारी, जिला परिवहन अधिकारी, राष्ट्रीय राजमार्ग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, ऊर्जा विभाग के कार्यकारी अभियंता, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग, स्वास्थ्य, शिक्षा, खान के जिला स्तरीय अधिकारी, परियोजना कार्यान्वयन एजेंसी के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) के जिला सूचना अधिकारी, केंद्र सरकार की ओर से पीएम गति शक्ति के लिए कोई अन्य नामांकित अधिकारी सदस्य होंगे।इसके अलावा उद्योग एवं लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता एसोसिएशनों से दो से चार प्रतिनिधि अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किए जाएंगे। जिला उद्योग केंद्र के संयुक्त निदेशक या उपनिदेशक सदस्य सचिव होंगे। जिला समन्वय समिति किसी अन्य सदस्य को भी चर्चा हेतु आवश्यक समझे जाने पर आमंत्रित कर सकती है।यह भी पढ़ें- खुशखबरी! हरियाणा के हर जिले में अस्पताल में खुलेंगे आईसीएयू और ट्रामा सेंटर, CM सैनी ने दिए निर्देश
बदली भारत की तस्वीर
बता दें कि पीएम गति शक्ति योजना भारत के बुनियादी ढांचे के विकास के साथ हाईवे, रेलवे और बंदरगाहों में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी की रफ्तार बढ़ाने में सफल रही है। इसका भारत की आर्थिक विकास दर को बेहतर करने में मदद मिली है। यह बात प्रतिष्ठित ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक और फाइनेंशियल कंपनी मॉर्गन स्टेनली ने अपनी एक रिपोर्ट में कही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान लॉन्च किया था। इसे देश की आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने वाला नया नजरिया माना गया। इसमें सड़कें, रेलवे, हवाई अड्डे, बंदरगाह, जन परिवहन, जलमार्ग और रसद बुनियादी ढांचे शामिल हैं, जो अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए "7 इंजन" हैं।
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