Haryana Politics: हुड्डा की आपत्ति के बाद एडवोकेट जनरल को विधानसभा कमेटी में जगह नहीं, तीन को बनाया गया सदस्य
Haryana Politics विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय उचाना (जींद) के प्रिंसिपल करतार सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों का मुद्दा जोरदार ढंग से उठा था। झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने महिला होने के नाते यह मामला उठाया। हालांकि उचाना उनका क्षेत्र नहीं है लेकिन गीता भुक्कल की सोच रही कि ऐसे आरोपितों को बेनकाब किया जाना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल के बीच विधानसभा में आरोप-प्रत्यारोपों की जांच के लिए गठित विधानसभा की कमेटी से एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन को अलग कर दिया गया है। स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर की अध्यक्षता में बनी इस कमेटी में तीन विधायकों को सदस्य बनाया गया है।
पहले पांच सदस्यों की कमेटी बना दी गई थी, जिस पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने हैरानी जताते हुए आपत्ति जाहिर की थी। यह कमेटी राज्य में 2005 से 2023 तक सरकारी स्कूलों में लगे यौन उत्पीड़न के सभी आरोपों की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट विधानसभा तथा राज्य सरकार को देगी, ताकि ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति न हो सके।
आरोपितों को बेनकाब किया जाना चाहिए
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय उचाना (जींद) के प्रिंसिपल करतार सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों का मुद्दा जोरदार ढंग से उठा था। झज्जर की कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने महिला होने के नाते यह मामला उठाया। हालांकि उचाना उनका क्षेत्र नहीं है, लेकिन गीता भुक्कल की सोच रही कि ऐसे आरोपितों को बेनकाब किया जाना चाहिए।गीता भुक्कल ने जब विधानसभा में प्रिंसिपल करतार सिंह द्वारा छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मुद्दा उठाया गया तो उचाना से जेजेपी विधायक एवं डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सदन में गीता भुक्कल पर ही पूर्व में प्रिंसिपल को संरक्षण देने के आरोप लगा दिए। गीता भुक्कल की दलील है कि यदि वे आरोपित प्रिंसिपल को संरक्षण देती तो विधानसभा में स्वयं ही इस मुद्दे को क्यों उठाती।
विधानसभा के तीनों दिन इस मुद्दे पर जारी रही तनतनी
विधानसभा सत्र के तीनों दिन इस मुद्दे पर खूब तनातनी, बहस और आरोपबाजी हुई। दुष्यंत चौटाला इस बात पर अड़े रहे कि आरोपित प्रिंसिपल पर 2005 और 2011 में भी ऐसे आरोप लगे थे, तब गीता भुक्कल ने उसे बचाने का काम किया। मंत्री रहते झज्जर में गीता भुक्कल के सरकारी आवास पर हुई पंचायत में आरोपित प्रिंसिपल को बचाने के लिए समझौता हुआ था। बाद में दुष्यंत ने साल 2011 की बजाय 2012 संशोधित किया। गीता भुक्कल की दलील थी कि जिन सालों की बात दुष्यंत चौटाला कर रहे हैं, उनमें न तो आरोपित प्रिंसिपल सरकारी सेवा में था और न ही वे झज्जर में उनका कोई घर था। तब गीता भुक्कल कलायत से विधायक थी।कई प्रमाण संबंधित थाने में करवाए जमा
विधानसभा में यह मुद्दा उठने के बाद कलायत के पूर्व विधायक फतेह सिंह के परिवार के सदस्यों ने गीता भुक्कल से कहा कि हम सोच रहे थे कि गलत आरोप पर कहीं हमारी बहू चुप न बैठ जाए, लेकिन उसने पूरी दिलेरी के साथ विधानसभा में अपनी बात कही। इस दौरान पता चला कि जींद व उचाना के कई लोगों ने गीता भुक्कल के समर्थन में तथा आरोपित प्रिंसिपल के पूर्व में सरकारी सेवा में नहीं होने संबंधी कई प्रमाण संबंधित थाने में जमा करवाए हैं।
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