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Haryana Politics: हरियाणा में उल्टा पड़ा दांव, बने महाराष्ट्र जैसे हालात, जजपा से दुष्यंत का पत्ता काटने की तैयारी में बागी

हरियाणा में सियासी संग्राम के बीच अब जननायक जनता पार्टी की भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। जजपा (Haryana Political Crisis) के विधायक अपने नेता दुष्यंत चौटाला के खिलाफ मोर्चा खड़ा कर सकते हैं। पूर्व पंचायत एवं विकास मंत्री और मनोहर लाल के करीबी देवेंद्र बबली (Devender Singh Babli) इस तरह के प्रयास करते नजर आ रहे हैं। वह इस संदर्भ में कानूनी राय भी ले रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Prince Sharma Updated: Fri, 10 May 2024 03:00 PM (IST)
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Haryana Political Crisis: जजपा से दुष्यंत का पत्ता काटने की तैयारी में बागी
अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। Haryana Political Crisis: हरियाणा में जननायक जनता पार्टी का वह हाल हो सकता है, जो महाराष्ट्र में बाल ठाकरे की शिवसेना (Shivsena Party) का हुआ था। लंबी जिद्दोजहद और राजनीतिक उठापटक के बाद चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट (eknath shinde) को ही असली शिवसेना माना था।

लगभग यही स्थिति आज हरियाणा में बन रही है। भाजपा के साथ करीब साढ़े चार साल तक सत्ता में रही जननायक जनता पार्टी (JJP) पर कब्जा करने के लिए पूर्व पंचायत एवं विकास मंत्री देवेंद्र बबली (Devender Singh Babli) प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं। अपने प्रयासों को सिरे चढ़ाने के लिए देवेंद्र बबली वीरवार को पूरा दिन दिल्ली में रहे।

मनोहर लाल साबित हो रहे मास्टरमाइंड

जननायक जनता पार्टी (JJP) को तोड़कर भाजपा सरकार बचाने के इस खेल में परदे के पीछे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Former CM Manohar Lal) बताए जाते हैं।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार को बचाने के लिए मनोहर लाल तब से सक्रिय हैं, जब तीन निर्दलीय विधायकों रणधीर गोलन, धर्मवीर गोंदर और सोमवीर सांगवान ने भाजपा से अपना समर्थन वापस लेकर कांग्रेस को देने की घोषणा की है।

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इसके बाद से भाजपा सरकार अल्पमत में आ गई थी। रही-सही कसर जेजेपी के वरिष्ठ उप प्रधान एवं पूर्व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला (Dushyant Chautala) ने राज्यपाल को पत्र लिखकर पूरी कर दी, जिसमें उन्होंने कहा कि नायब सिंह सैनी (CM Nayab Saini) की अल्पमत वाली सरकार को या तो बर्खास्त कर राष्टपति शासन लगाया जाए अथवा सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट देने के निर्देश दिए जाएं।

दस में से छह बगावत पर उतरे

जजपा के प्रदेश में 10 विधायक हैं, जिनमें से छह बगावत पर उतरे हुए हैं। टोहना के विधायक देवेंद्र बबली इन बगावती विधायकों में एक हैं, जो पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बेहद प्रिय माने जाते हैं।

देवेंद्र बबली की टोहाना विधानसभा सीट को सुरक्षित रखने के लिए उन्होंने अपने अजीज टोहाना के ही पूर्व भाजपा विधायक सुभाष बराला को राज्यसभा भिजवा दिया था।

जजपा के जिन छह विधायकों ने बगावती तेवर अपनाए हुए हैं, उनमें देवेंद्र बबली, रामकुमार गौतम, ईश्वर सिंह, रामनिवास सुरजाखेड़ा, जोगी राम सिहाग और राम करण काला शामिल हैं।

ईश्वर सिंह व राम करण काला की आस्था कांग्रेस में बताई जाती है, जबकि देवेंद्र बबली, रामकुमार गौतम, रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगी राम सिहाग भाजपा के साथ हैं।

नेता बदलने का विचार कर रहे विधायक

जजपा (JJP Crisis in Haryana) के यह सभी छह विधायक अपना नेता बदलने पर विचार कर रहे हैं। इस पूरी मुहिम की बागडोर देवेंद्र बबली ने संभाली हुई है, जबकि मनोहर लाल उनका साथ दे रहे हैं।

बृहस्पतिवार को तीन जजपा विधायकों ने पानीपत में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर भाजपा सरकार का साथ देने का भरोसा दिलाया है।

देवेंद्र बबली कानूनी राय लेने में जुटे हैं, ताकि सात विधायकों को एकजुट करते हुए दुष्यंत चौटाला को अपने नेता के पद से हटाकर स्वयं इस पार्टी पर काबिज हो जाएं। यदि ऐसा होता है तो हरियाणा में महाराष्ट्र के राजनीतिक सीन का दोहराव हो जाएगा।

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