सेना में भर्ती होने के लिए 10 किलोमीटर दौड़ रहीं गांव की बेटियां, बोलीं- अब यही मकसद
भागदौड़ के साथ-साथ वो अपनी पढ़ाई भी सुचारु रूप से कर रही हैं तो वहीं साथ ही घरेलू काम में भी माता पिता का हाथ बंटाती हैं। अब दूसरें गांवों की लड़कियां भी इनसे प्रेरणा ले रही हैं।
By manoj kumarEdited By: Updated: Fri, 12 Jul 2019 11:07 AM (IST)
सिरसा [महेंद्र मेहरा] गांवों में अलसुबह दौड़ लगाते युवा तो आमतौर पर नजर आते हैं लेकिन लड़कियां शायद ही दिखें। लोग सुबह की दिनचर्या की शुरुआत चाय के साथ तो हरियाणाा के सिरसा जिले के गांव बकरियांवाली की लड़कियां सड़कों पर पसीना बहाकर दिन की शुरुआत करती हैं। यह दौड़ धूप महज फिट रहने के लिए नहीं बल्कि देश सेवा के लिए है। लड़कियों के मन में देश सेवा करने का जज्बा ऐसा है कि गांव की बेटियां सेना में भर्ती होना चाहती हैं। इसके लिए सुबह के समय प्रतिदिन 10 किलोमीटर तक दौड़ लगा रही हैं।
इतना ही नहीं इस भागदौड़ के साथ-साथ वो अपनी पढ़ाई भी सुचारु रूप से कर रही हैं तो वहीं साथ ही घरेलू काम में भी माता पिता का हाथ बंटाती हैं। अब दूसरें गांवों की लड़कियां भी इनसे प्रेरणा ले रही हैं। इससे पहले भी हरियाणा की बेटियां खेलों में अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं, मगर ठेठ ग्रामीण माहौल में बेटियों को सुबह के अंधेरें में दौड़ने के लिए भेज पाना हर माता-पिता के लिए आसान नहीं है, मगर इस गांव के अभिभावकों ने इस परिपाटी को बदला है।
स्नातक स्तर की कर रही है पढ़ाई
गांव के किसानों की बेटियां स्नातक स्तर की कालेज में पढ़ाई कर रही हैं। कालेज जाने से पूर्व सुबह 6 बजे से 8 बजे सेना में भर्ती होने की स्कूल में तैयारी करती हैं। सेना की भर्ती के लिए अपने गांव से ङ्क्षधगतानियां तक दौड़ लगाती हैं। इसके बाद कालेज में पढ़ाई करने जाती हैं। सेना में भर्ती हो सकें इसके लिए परिजन भी बेटियां का सहयोग कर रहे हैं। परिजन सुबह के समय बेटियां को समय पर उठाने के साथ स्कूल तक छोड़कर आते हैं।
गांव के किसानों की बेटियां स्नातक स्तर की कालेज में पढ़ाई कर रही हैं। कालेज जाने से पूर्व सुबह 6 बजे से 8 बजे सेना में भर्ती होने की स्कूल में तैयारी करती हैं। सेना की भर्ती के लिए अपने गांव से ङ्क्षधगतानियां तक दौड़ लगाती हैं। इसके बाद कालेज में पढ़ाई करने जाती हैं। सेना में भर्ती हो सकें इसके लिए परिजन भी बेटियां का सहयोग कर रहे हैं। परिजन सुबह के समय बेटियां को समय पर उठाने के साथ स्कूल तक छोड़कर आते हैं।
गांव की सड़क पर दौड़तीं बेटियां देश सेवा ही लक्ष्य
होनहार माया देवी, सुनीता, सोनिया, सुनीता व सोनू ने कहा कि आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। हम सभी सेना में भर्ती होकर देश सेवा करना चाहती हैं। इसके लिए पिछले कई माह से सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रही हैं। इस तैयारी में परिजन भी सहयोग कर रहे हैं। हमें विश्वास है हमारा सपना एक दिन जरूर पूरा होगा। उन्होंने कहा पुलवामा हमला होने के बाद देश सेवा का जुनून और भी बढ़ गया है और देश के लिए हम प्राण न्यौछावर करने में भी गुरेज नहीं करती हैं।