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पाकिस्‍तान के निशाने पर हिसार का आर्मी कैंट, आइएसआइ ऐसे रच रहा साजिश

हिसार का आर्मी कैंट पाकिस्‍तान के टारगेट पर है। इसके लिए आइएसआइ साजिश रच रहा है और अपना नेटवर्क तैयार कर रहा है। इस खुलासे से हड़कंप मच गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Updated: Tue, 30 Oct 2018 10:53 AM (IST)
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पाकिस्‍तान के निशाने पर हिसार का आर्मी कैंट, आइएसआइ ऐसे रच रहा साजिश

जेएनएन, हिसार। पंजाब के पठानकोट के एयरफोर्स स्‍टेशन को निशाना बना चुके पाकिस्‍तान की नापाक नजर अब हिसार के आर्मी कैंट पर है। वह हिसार कैंट को निशाना बनाना चाहता है और इसके लिए वहां की कुख्‍यात खुुफिया एजेंसी आइएसअाइ साजिश रच रहा है। यह सनसनीखेज खुलासा उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में पकड़े गए आइएसआइ एजेंट जाहिद खुर्जा ने की है। इससे यहां पुलिस व सेना प्रशासन सतर्क हो गया है।

आइएसआइ एजेंट जाहिद खुर्जा ने उत्‍तर प्रदेश में पूछताछ में बताया है कि हिसार सैन्‍य छावनी पाकिस्‍तान का अगला टारगेट है। इसके लिए आइएसअाइ सक्रिय है और अपने एजेंटों के जरिये पूरी साजिश पर काम कर रही है। इससे हिसार आर्मी प्रशासन, इंटेलीजेंस ब्यूरो और गुप्तचर एजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। बता दें कि हिसार कैंट की जासूसी करने वाले आइएसआइ एजेंट पहले भी पकड़े जा चुके हैं।

यहां पहले जासूसी करने पर सन 2001 में पाकिस्तानी जासूस असगर अली पकड़ा गय था। वह हिसार कैंट की जासूसी करने के बाद पाकिस्‍तान भागने की कोशिश में राजस्थान के बीकानेर में पकड़ा गया था। असगर अली ने हिसार के ऋषिनगर में रहकर अपना नेटवर्क खड़ा किया था। उसने छावनी के अंदर तक घुसपैठ कर ली थी। उसने यहां से सिर्फ राशन कार्ड और फिर उसके आधार पर ड्राइविंग लाइसेंस तक बनवा लिया था।

असगर अली के पास से छावनी का नक्शा और अन्य महत्वपूर्ण वस्तु मिली थी। सिटी थाना पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया था। इसके बाद साल 2003 में एक और अाइएसअाइ एजेंट मोहम्मद हैदर को पकड़ा गया था। उसने यहां की महावीर कालोनी के समीप वाल्मीकि बस्ती में ठिकाना बनाया था और छावनी से संबंधित सूचनाएं पाक को भेजी थी। अंबाला में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने उसके पास से भी छावनी का नक्शा बरामद किया था। वर्ष 2005-06 में अख्तर उल्लाह मुनीर उर्फ समीर ने कृष्णा नगर में करीब 13 महीने बिताए थे। उसने पंजाब और हरियाणा की सैन्‍य छावनियों की रिपोर्ट पाकिस्तान भेजी थी।

इसी प्रकार 7 अप्रैल 2006 को जालंधर में दो अन्य जासूसों ज्योतिप्रसाद और बाबूलाल पकड़ा गया था। जिनके हिसार से तार जुड़े होने के पुख्ता सुबूत मिले थे। पुलिस ने अप्रैल 2006 में ही लुधियाना पुलिस ने जासूस विजय को एक थाने में पुताई करते हुए पकड़ा था। वह करीब एक माह हिसार की सब्जी मंडी के इलाके में रहा था। पुलिस से बचने के लिए वह यहां भी पुताई का कार्य करता था। पुलिस ने उसके खिलाफ केस दर्ज किया था।

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