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Hisar News: सरसों की फसल ओने पौने दामों में खरीद कर किसानों को लूटने में लगी एजेंसियां

हरियाणा के हिसार में सरसों की फसल ओने पौने में खरीद कर किसानों को एजेंसियां लूटने में लगी हैं। अनाज मंडी में सरसों की आवक पिछले करीब तीन सप्ताह से शुरू हो चुकी है। मंडी में सरसों की खरीद की पूरी व्यवस्था कर ली गई है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Tue, 14 Mar 2023 11:27 AM (IST)
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सरसों की फसल ओने पौने दामों में खरीद कर किसानों को लूटने में लगी एजेंसियां

संवाद सहयोगी, घरौंडा : अनाज मंडी में प्राइवेट एजेंसियां सरसों की फसल ओने पौने दामों में खरीद कर किसानों को लूटने में लगी हुई है। किसानों की अपनी फसल का पूरा दाम न मिलने का मुख्य कारण सरकारी खरीद न होना भी बताया जा रहा है। सरकार द्वारा सरसों की सरकारी खरीद में देरी करने से किसानों के चेहरों पर मायूसी स्पष्ट तौर पर देखी जा रही है। अनाज मंडी में सरसों की आवक पिछले करीब तीन सप्ताह से शुरू हो चुकी है।

अनुमान लगाया जा रहा है कि सरसों की करीब 50 फीसद की फसल मंडियों में पहुंच चुकी है। लेकिन अभी तक भी सरकार द्वारा सरकारी खरीद न करने के कारण सरसों की फसल को प्राइवेट एजेंसी या ओने पौने दामों में खरीद कर किसानों को भारी नुकसान पहुंचा रही है। किसानों का कहना है कि मंडी के आढ़ती व प्राइवेट एजेंसी आपस में बातचीत करके उनकी फसल को सरकारी रेट से काफी कम दामों में खरीद रहे हैं। जिससे उनको अपनी सरसों की फसल बेचने में 400 से 700 रुपये प्रति क्विंटल का घाटा उठाना पड़ रहा है।

फसल बेचने के लिए मंडी में ला रहे किसान

मंडी में अपने सरसों की फसल लेकर आए सिठाना निवासी योगेंद्र बस्ताडा निवासी बाबूराम, गगसीना निवासी भीम का कहना है कि कि उनकी सरसों की फसल पककर पूरी तरह से तैयार हो चुकी है और वह अपनी फसलों को बेचने के लिए मंडी में लेकर आए हैं।

मंडी में उन्हें अपनी फसल के पूरे दाम नहीं मिल रहे हैं जहां सरकार एक तरफ दावा करती है कि सरसों की सरकारी खरीद 5450 रुपए से शुरू की जाएगी तो वही मंडी में उनकी फसल 4800 रुपए से पांच हजार रुपए तक की बिक पाई है। क्योंकि मंडी में अभी सरकार ने सरसों की खरीद शुरू नहीं की है और ऐसे में मंडी में प्राइवेट एजेंसी व आढ़ती आपस में बातचीत करके उनकी फसलों को कम रेटों पर खरीद रहे हैं।

फसल को सुखाने के लिए डाल देती है एजेंसियां

किसानों का कहना है कि उन्होंने अपनी फसल खेतों से करीब 1 सप्ताह पहले काट ली थी और घर पर ही सुखा दी थी लेकिन उसके बावजूद भी मंडी में फसल आने के बाद एजेंसियां उनकी फसल को सुखाने के लिए डाल देती है और मौसचर ज्यादा होने की बात कहकर आढ़ती उनकी फसलों को कम रेट पर खरीद रहे हैं।

किसानों का कहना है कि अगर सरकार समय पर सरकारी खरीद शुरू कर दें तो उन्हें इस लूट से बचाया जा सकता है। किसानों ने बताया कि अबकी बार खेतों में फसल की प्रति एकड़ एवरेज भी 6 से 8 क्विंटल के बीच ही निकल पा रही है ऐसे में मंडी में उनकी फसल का सही रेट न मिल पाने के कारण अबकी बार तो उनकी लागत मूल्य भी पूरा नहीं हो पाएगा।

आलू की फसल अबकी बार पूरी तरह से पिट गई

उधर किसानों का ये भी कहना है कि यही हाल अबकी बार उनके साथ आलू की फसल में हुआ है क्योंकि आलू की फसल अबकी बार पूरी तरह से पिट गई है बाजार में आलू पांच रुपये किलो से भी कम खरीदा जा रहा है। और आलू को वे ज्यादा समय अपने खेत या घरों पर रख भी नहीं सकते ऐसे में मजबूरन उन्हें आलू को भी मंडी में ओने पौने दाम पर बेचना पड़ रहा है।

वहीं मार्केट कमेटी सचिव नरेश मान का कहना है कि मंडी में सरसों की सरकारी खरीद 15 मार्च से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष पूरे सीजन में 8080 केवल सरसों की आवक हुई थी। और 12 मार्च तक मंडी में 5372 क्विंटल सरसों आ चुकी थी और अब की बार 12 मार्च तक 4292 क्विंटल सरसों आई है। मंडी में सरसों की खरीद की पूरी व्यवस्था कर ली गई है।

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