Diwali 2024: दीवाली पर कितनी देर छोड़ सकेंगे पटाखे? इन त्योहारों के लिए भी आतिशबाजी का समय तय, ऑनलाइल बिक्री पर रोक
हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। झज्जर जिले में 22 अक्टूबर से 31 जनवरी 2025 तक ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केवल ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकते हैं और उनके लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। जानिए क्या है सही समय...
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(एचएसपीसीबी) ने वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की पहचान कर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आमजन से इन नियमों का पालन करते हुए प्रदूषण नियंत्रण में सहभागी बनने का आह्वान किया है।
एचएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शक्ति सिंह ने कहा कि बोर्ड के सुझाव और सरकार से प्राप्त निर्देशों की अनुपालना में जिलाधीश शक्ति सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 और विस्फोटक अधिनियम 1884 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए झज्जर की सीमा में 22 अक्टूबर से 31 जनवरी 2025 तक की अवधि के लिए ग्रीन पटाखों को छोड़कर (श्रृंखला पटाखे या लरी) और सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं।
केवल ग्रीन पटाखे जला सकते हैं
साथ ही कॉमर्शियल वेबसाइट पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी रोक लगाई है। इस समयावधि में सिर्फ ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकेंगे और उसके लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है।जिलाधीश शक्ति सिंह की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक दीवाली पर्व और गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर दो घंटे और क्रिसमस व नव वर्ष पर केवल 35 मिनट आतिशबाजी की जा सकेगी। इस दौरान भी केवल ग्रीन पटाखे जलाए जा सकते हैं।
प्रदूषण बढ़ाने में पटाखों की अहम भूमिका
दीवाली और गुरुपूरब पर रात को आठ से 10 बजे तक तथा क्रिसमस और नव वर्ष पर आधी रात को 11:55 बजे से लेकर साढ़े 12 बजे तक ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकेंगे।जिला प्रशासन की ओर से प्रदूषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए पटाखों की बिक्री, बनाने और उनके इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। केवल ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है। प्रदूषण को बढ़ावा देने में पटाखों की भी अहम भूमिका है।
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