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Diwali 2024: दीवाली पर कितनी देर छोड़ सकेंगे पटाखे? इन त्योहारों के लिए भी आतिशबाजी का समय तय, ऑनलाइल बिक्री पर रोक

हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। झज्जर जिले में 22 अक्टूबर से 31 जनवरी 2025 तक ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केवल ग्रीन पटाखे ही जलाए जा सकते हैं और उनके लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है। जानिए क्या है सही समय...

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 27 Oct 2024 03:12 PM (IST)
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Diwali 2024: दीवाली पर कितनी देर छोड़ सकेंगे पटाखे?
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड(एचएसपीसीबी) ने वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर प्रदूषण फैलाने वाले कारकों की पहचान कर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आमजन से इन नियमों का पालन करते हुए प्रदूषण नियंत्रण में सहभागी बनने का आह्वान किया है।

एचएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शक्ति सिंह ने कहा कि बोर्ड के सुझाव और सरकार से प्राप्त निर्देशों की अनुपालना में जिलाधीश शक्ति सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 और विस्फोटक अधिनियम 1884 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए झज्जर की सीमा में 22 अक्टूबर से 31 जनवरी 2025 तक की अवधि के लिए ग्रीन पटाखों को छोड़कर (श्रृंखला पटाखे या लरी) और सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं।

केवल ग्रीन पटाखे जला सकते हैं

साथ ही कॉमर्शियल वेबसाइट पर पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर भी रोक लगाई है। इस समयावधि में सिर्फ ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकेंगे और उसके लिए भी समय सीमा निर्धारित की गई है।

जिलाधीश शक्ति सिंह की ओर से जारी आदेशों के मुताबिक दीवाली पर्व और गुरुनानक देव के प्रकाश पर्व पर दो घंटे और क्रिसमस व नव वर्ष पर केवल 35 मिनट आतिशबाजी की जा सकेगी। इस दौरान भी केवल ग्रीन पटाखे जलाए जा सकते हैं।

प्रदूषण बढ़ाने में पटाखों की अहम भूमिका

दीवाली और गुरुपूरब पर रात को आठ से 10 बजे तक तथा क्रिसमस और नव वर्ष पर आधी रात को 11:55 बजे से लेकर साढ़े 12 बजे तक ग्रीन पटाखे छोड़े जा सकेंगे।

जिला प्रशासन की ओर से प्रदूषण की समस्या को ध्यान में रखते हुए पटाखों की बिक्री, बनाने और उनके इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। केवल ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी गई है। प्रदूषण को बढ़ावा देने में पटाखों की भी अहम भूमिका है।

गंभीर स्वास्थ्य चिंता का विषय

वायु प्रदूषण के कारण श्वसन और हृदय रोग जैसी कई बीमारियों को बढ़ावा मिलता है। बुजुर्गों और छोटे बच्चों को भी सर्दी के मौसम में प्रदूषण के कारण भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। सर्दियों के दौरान विशेषकर अक्टूबर से जनवरी के महीनों में वायु प्रदूषण में वृद्धि एक गंभीर स्वास्थ्य चिंता का विषय है।

अधिकारियों को दिए छापामार कार्रवाई के आदेश

एचएसपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी शक्ति सिंह ने बताया कि पटाखों की बिक्री को रोकने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में कई छापामार टीम बनाई गई है।

इनमें डीसीपी, जिला नगर आयुक्त, एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, बीडीपीओ, नगर परिषद व पालिका के कार्यकारी अधिकारी और सचिव, सभी थाना प्रभारी, फायर अधिकारी आदि के नेतृत्व में छापामार टीमें बनाई गई हैं।

इन अधिकारियों को पटाखों की बिक्री रोकने के लिए हर रोज की गई कार्रवाई की रिपोर्ट डीसी को देनी होगी।

पटाखों के लिए ऐसे प्राप्त करें लाइसेंस

रतिया एसडीएम जगदीश चंद्र ने बताया कि दीपावली के पावन पर्व पर ग्रीन पटाखों और आतिशबाजी की बिक्री के लिए अस्थाई लाइसेंस प्राप्त करने के इच्छुक व्यक्ति संबंधित उपमंडल अधिकारी कार्यालय में 28 अक्टूबर को 10 बजे तक अपना आवेदन निर्धारित फार्म में दे सकते हैं।

निश्चित समय उपरांत कोई भी आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अस्थाई लाइसेंस का चयन 28 अक्टूबर को दोपहर 4 बजे ड्रा के माध्यम से किया जाएगा।

दीपावली के त्योहार पर बिना लाइसेंस के कोई व्यक्ति आतिशबाजी व पटाखों की बिक्री नहीं करें यदि कोई व्यक्ति बिना लाइसेंस के बाजार में या अन्य कहीं आतिशबाजी सामग्री, पटाखा बेचते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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