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Haryana Election: निर्दलीय प्रत्याशी सावित्री जिंदल का बीजेपी को समर्थन, क्या मंत्रिमंडल में होंगी शामिल?

हरियाणा में विधानसभा चुनाव (Haryana Vidhansabha Chunav) के लिए नतीजे आ गए हैं। बीजेपी ने बहुमत प्राप्त किया है। परिणाम के अगले ही दिन बीजेपी को तीन निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला है। इसमें एक नाम हिसार की निर्दलीय उम्मीदवार सावित्री जिंदल का भी है। ऐसे कयास लगा रहे हैं कि सावित्री जिंदल मंत्रिमंडल में भी शामिल हो सकती हैं।

By Jagran News Edited By: Gurpreet Cheema Updated: Wed, 09 Oct 2024 08:07 PM (IST)
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सावित्री जिंदल ने बीजेपी को दिया समर्थन (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बुधवार को और शक्तिशाली हो गई, जब निर्दलीय चुनाव जीते तीनों विधायक उसके पाले में खड़े हो गए।

हिसार से पूर्व मंत्री डॉ. कमल गुप्ता और कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा को हराकर विधानसभा पहुंचीं देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल, सोनीपत के गन्नौर से चुनाव जीते देवेंद्र कादियान और झज्जर के बहादुरगढ़ से विधायक बने राजेश जून ने बगैर किसी शर्त के बुधवार को भाजपा को समर्थन दे दिया।

इसके साथ ही 90 सदस्यीय विधानसभा में 48 सीटें जीतने वाली भाजपा के पास अब 51 विधायक हो गए हैं। हरियाणा में सरकार बनाने के लिए 46 विधायकों की जरूरत होती है। सोमवार को सबसे पहले निर्दलीय विधायक देवेंद्र कादियान तथा राजेश जून प्रदेश सरकार के पूर्व प्रचार सलाहकार तरुण भंडारी के साथ दिल्ली पहुंचे।

भाजपा सरकार को समर्थन की घोषणा

वहां उन्होंने हरियाणा के विधानसभा चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी बिप्लब देब और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मोहन बड़ौली से मुलाकात की और फिर भाजपा को समर्थन की घोषणा कर दी। इसके बाद अपने उद्योगपति बेटे और कुरुक्षेत्र के भाजपा सांसद नवीन जिंदल के साथ सावित्री जिंदल भी दिल्ली पहुंचीं।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा सांसद बिप्लब देब से मुलाकात कर सावित्री जिंदल ने भाजपा सरकार को समर्थन देने की घोषणा कर दी।

पति ओमप्रकाश के बाद संभाली जिंदल ग्रुप की कमान

देश की पांचवीं सबसे अमीर सावित्री जिंदल अपने पति और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश जिंदल के स्वर्गवास के बाद जिंदल ग्रुप की कमान संभाले हुए हैं।

वे पहली बार 2005 में हिसार से कांग्रेस विधायक बनी थी। इसके बाद 2009 में जीतकर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में मंत्री बनीं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बेटे के साथ भाजपा में शामिल हुईं सावित्री जिंदल हिसार से टिकट मांग रहीं थी, लेकिन भाजपा ने दो बार के विधायक डॉ. कमल गुप्ता को प्रत्याशी बना दिया। इससे नाराज सावित्री जिंदल ने निर्दलीय ताल ठोंक दी।

टॉर्च के चुनाव चिह्न पर लड़ा चुनाव

सावित्री टॉर्च के चुनाव चिह्न पर हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ीं और जीत गईं। पूरे चुनाव प्रचार से दूरी बनाए रखने वाले नवीन जिंदल मां की जीत के बाद विजयी जुलूस में नजर आए थे। देवेंद्र कादियान भी गन्नौर में भाजपा का टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने देवेंद्र कौशिक को प्रत्याशी बना दिया। इससे नाराज कादियान निर्दलीय चुनाव लड़े। इसी तरह बहादुरगढ़ में कांग्रेस का टिकट नहीं मिलने पर बागी हुए राजेश जून ने निर्दलीय लड़कर चुनाव जीता।

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