लॉकडाउन में आया आइडिया, छात्र ने बाइक इंजन से बनाया मिनी ट्रैक्टर, देख रह गए दंग
फतेहाबाद में एक ITI छात्र ने पांच महीने में बाइक इंजन से ट्रैक्टर तैयार किया है। ट्रैक्टर बनाने में 40 हजार रुपये खर्च हुए। ट्रैक्टर से खेत और घर के कई जरूरी काम किए जा सकते हैं
By Manoj KumarEdited By: Updated: Sun, 13 Sep 2020 05:04 PM (IST)
भिरडाना/फतेहाबाद [विजय सहारण] इंसान के मन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो वह कठिन से कठिन कार्य पलभर में कर जाता है। ऐसा ही कुछ करके दिखाया है हरियाणा के रतिया फतेहाबाद रोड पर स्थित गांव ढाणी टाहली वाली के रहने वाले किसान दिलबाग संधू के सोलह वर्षीय बेटे मेहर सिंह ने। अनोखी प्रतिभा के बल मोटरसाइकिल इंजन से ट्रैक्टर बना डाला। इस ट्रैक्टर को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आ रहे हैं। मेहर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस ट्रैक्टर को बनाने मे उसका चालीस हजार रुपये खर्च आया है।
उसने दसवीं तक की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमकि स्कूल से की। उसके बाद गांव भिरडाना में आइटीआइ में दाखिला ले लिया। वह इस समय डीजल मैकेनिकल का छात्र है। बीते छह माह पहले जब लॉकडाउन लगा था तो वह कहीं नहीं जा पाने के कारण बिल्कुल खाली था। उस वक्त मन में ख्याल आया कि इस समय कुछ ऐसा किया जाए जो दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा बने।
पांच महीने में तैयार हो गया ट्रैक्टर
छात्र मेहर सिंह ने बताया कि इस ट्रैक्टर को बनाने के लिए पांच महीने लग गए। उसके पास पुराना मोटरसाइकिल था। उसका इंजन निकाला। आइटीआइ में उन्होंने जो सीखा था उसे प्रैक्टिकली अजमाने का मौका था। कुछ पार्ट्स की जरूरत पड़ी जो बाजार से आसानी से मिल गए। वहीं इस मिनी ट्रैक्टर की बॉडी भी उसने खुद तैयार की है। इसके लिए उसने अपने घर पर वेल्डिंग आदि का सिस्टम भी लगा लिया।
ऐसे बनाया मेहर ने ट्रैक्टर
मार्च माह मे लाकडाउन शुरु होने के बाद मेहर सिंह को खाली बैठना बिल्कुल अच्छा नहीं लग रहा था। जिसके बाद उसने अपने परिजनों को ट्रैक्टर बनाने की इच्छा जताई। जिसके बाद मारूति 800 का गियर बाक्स, बाईक के ईंजन सहित ट्रैक्टर के अलग अलग पार्ट्स पंजाब से भी लेकर आए और ट्रैक्टर बना दिया।
पांच किवटंल तक वजन की है क्षमता
इस ट्रैक्टर मे 125 सीसी बाईक का इंजन है जोकि पांच किवटंल तक वजन उठाकर इधर से उधर लेकर जा सकता है। किसान को आमतौर पर पशुओं के लिए चारा, खाद, बीज आदि ढोने मे यह कारगर साबित होगा।अगले वर्ष तक बनाएंगे हार्वेस्टरमेहर के पिता दिलबाग संधू ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके बेटे को ट्रैक्टर बनाते वक्त भी हमारे परिवार ने पूरा सहयोग दिया था। अब वह अगले वर्ष एक छोटी हार्वेस्टर बनाएगा। इसका काम लगभग सात आठ माह में पूरा होगा। बेटा छोटा था तभी से वह खिलौने के रूप में ट्रैक्टर ही लेकर आता था। आज उसकी कलां देखकर उसका मन खुश हो गया है।
-----इस छात्र द्वारा बनाया गया माॅडल बेहद शानदार है। ऐसे प्रतिभावान युवाओं को प्रशासन द्वारा भी हरसंभव सहयोग दिया जाएगा। हमारे क्षेत्र के बाकी युवाओं को भी मेहर जैसे छात्र से प्रेरणा लेनी चाहिए।अनुभव मेहता, नगराधीश, फतेहाबाद
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