Move to Jagran APP

सिरसा के सरसाई नाथ मंदिर में लगा जाल का पेड़ है बहुत खास, रखा जाता है विशेष ध्यान

सिरसा के सरसाई नाथ मंदिर में लगा जाल का पेड़ बहुत खास है। मंदिर का इतिहास जितना पुराना है उससे कहीं पुराना इस पेड़ का इतिहास है। लोगों की भी इस पेड़ के प्रति अटूट आस्था है। मंदिर में आने वाले सभी श्रद्धालु इसकी पूजा करते हैं।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Sat, 09 Jul 2022 06:29 PM (IST)
Hero Image
सिरसा के सरसाई नाथ मंदिर में स्थित जाल का पेड़।
जागरण संवाददाता, सिरसा। डेरा बाबा सरसाई नाथ का इतिहास बहुत पुराना है। जितना पुराना इतिहास मंदिर का है उतना ही पुराना इतिहास मंदिर परिसर के अंदर लगे जाल के पेड़ का है। सिरसा का ऐतिहासिक डेरा बाबा सरसाई नाथ आस्था का केंद्र है। इसे लोग आस्था के साथ पूजा करते हैं। मंदिर प्रबंधन कमेटी द्वारा वृक्ष का भी उतना ही ख्याल रखा जाता है। जितना मंदिर परिसर का। इसके लिए समय समय पर उचित देखभाल की जाती है। पेड़ के चारों तरफ ईंटों का चबूतरा बनाया हुआ है। इसी के साथ समय समय पर पानी भी दिया जाता है। इस मंदिर में हर वर्ष नवसंवत पर मेला आयोजित किया जाता है।

शाहजहां के बेटे को मिला जीवनदान

गुरु गोरखनाथ के शिष्य सिद्ध पुरुष बाबा सरसाईनाथ ने ही नववर्ष प्रतिपदा के दिन सिरसा नगरी की नींव रखी थी। इसलिए सिरसा को सरसाईनाथ नगरी कहा जाता है। बताया जाता है कि डेरे में आकर कोई भी सच्चे मन से मुराद करता है। उसकी मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर में शाहजहां के बेटे को भी जीवनदान मिला हुआ है। इसके बाद यहां पर शाहजहां ने एक लाल पत्थर का गुम्बज बनाया। ये गुम्बज मुगल काल का जीता जागता उदाहरण है। इस मंदिर में लगा जाल का भी इतिहास के बारे में जानकारी दे रहा है।

ऐतिहासिक है जाल का पेड़

मंदिर के महंत 70 वर्षीय सुंदराई नाथ ने कहा कि डेरा बाबा सरसाईनाथ का इतिहास बहुत पुराना है। उससे भी पुराना यहां पर लगा जाल का पेड़ है। इस पेड़ की आयु के बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि बुजुर्ग व्यक्ति भी कहते हैं हमने तो बचपन में पेड़ को ऐसे ही देखा है। इस पेड़ के प्रति लोगों की काफी आस्था है। इसलिए मंदिर में दर्शन करते समय लोग पेड़ की पूजा करना नहीं भुलते हैं। इस पेड़ में पहले फल भी लगते थे। जिसे लोग चांव के साथ खाते थे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।