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झज्जर सिविल अस्पताल विवाद, गेट का ताला खोलने पर आमने-सामने हुए एमएस व डीएमएस

एमएस बोले कि डीएमएस ने बिना अनुमति के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से ताला तुड़वाया। वहीं डीएमएस ने कहा कि गैर कानूनी तरीके से आपातकालीन गेट पर जबरन ताला लगाया। हर कोई परेशान हुआ। पिछले लंबे समय से अस्पताल के अधिकारियों के मध्य विवाद चल रहा है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Updated: Fri, 12 Feb 2021 02:41 PM (IST)
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एमएस व डीएमएस दोनों ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखने की बात कही है।
हिसार/झज्जर, जेएनएन। झज्जर जिला अस्पताल के अधिकारियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है। इसू बीच शुक्रवार को अस्पताल के पांच नंबर गेट का ताला खोलने को लेकर एमएस (मेडिकल सुपरिंटेंडेंट) व डीएमएस (डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट) आमने सामने हो गए। डीएमएस ने आरोप लगाया कि एमएस ने गेट नंबर पांच पर जबरन व गैर कानूनी तरीके से ताला लगाया है। इससे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के अलावा आम जनता को भी परेशानी हो रही है। वहीं, फायर सेफ्टी के उद्देश्य से ऑफिस समय में खुला रखना जरूरी है। जबकि, एमएस ने आरोप लगाया कि पांच नंबर गेट पर सीसीटीवी कैमरा नहीं हैं। इसलिए ऑफिस से दस्तावेज व अन्य सामान चोरी होने का भय है। पहले भी मशीन चोरी हो चुकी है। इसलिए यहां पर ताला लगाया था, लेकिन डीएमएस ने आउटसोर्सिंग कर्मचारी से ताले को अनुशासनहीनता करते हुए तुड़वाया है। दोनों ने इस मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को पत्र लिखने की बात कही है।

एमएस के कमरे में दो एंट्री, हो चुकी मशीन चोरी 

एमएस डा. अरुणा सांगवान ने कहा कि ऑफिस में दो एंट्री बना दी गई हैं। एक आगे से व एक पीछे से। जो पीछे की एंट्री है उस पर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं है। वहीं ऑफिस में महत्वपूर्ण दस्तावेज व अन्य सामान रखा हुआ है। उसकी सुरक्षा के लिए एक गेट को बंद किया गया। कुछ दिनों से पीछे वाले गेट को खोलना शुरू किया है। ऑफिस स्टाफ ने कहा कि पहले भी एक मशीन यहां से उठ चुकी है। इसलिए, इस गेट को ताला लगाकर चाबी ऑफिस में ले ली थी। लेकिन डीएमएस ने बिना उनसे बात किए एक आउटसोर्सिंग के कर्मचारी को बुलाकर ताला तुड़वा दिया। जो कि गलत है और अनुशासनहीनता है। इस तरह से कार्यालय के काम में बाधा डालना ठीक नहीं है। इसे लेकर विभाग के आला अधिकारियों को लिखा जाएगा और कार्रवाई के लिए भी कहा जाएगा।

मानसिक रूप से परेशान करने का चल रहा प्रयास

एमएस डा. अरुणा सांगवान ने कहा कि उन्हें यहां का कार्यभार व डीडी पावर दी हुई है। ऑफिस की हेड होने के बाद भी अगर उनके आदेशों को कोई बिना उच्चाधिकारियों के आदेशों से निरस्त करता है तो यह गंभीर मामला है। इस कारण कार्यालय में गंभीर स्थिति बनी हुई है। मौजूदा समय में कार्य में बाधा भी उत्पन्न हो रही है। सभी ठीक से काम नहीं कर पा रहे। लगातार मानसिक रूप से परेशान करने का प्रयास चल रहा है।

डीएमएस बोले- गैरकानूनी तरीके से लगाया ताला

डीएमएस डा. चंद्रभान ने कहा कि ताला नहीं तुड़वाया। यह गेट है और बाहर आने-जाने का रास्ता है। सरकार से एनओसी लेकर व भवन के अनुसार यह गेट है। यहां ताला तोड़ने का तो कोई मतलब नहीं, बल्कि गैरकानूनी तौर पर जबरन लगाया गया है। यहां पर कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों को परेशान करने के लिए ताला लगाया गया है। जिससे सरकारी कार्य में भी बाधा हुई है। साथ ही यहां पर हाजिरी लगाने के लिए कर्मचारी व अधिकारी आते हैं। हाजिरी रजिस्टर भी यहां से उठा लिए गए। इस कारण कर्मचारियों व अधिकारियों को हाजिरी लगाने के लिए करीब आधा घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी।

एमएस सरकारी कार्य में पहुंचा रहीं बाधा

डीएमएस डा. चंद्रभान ने कहा कि विभाग के उच्चाधिकारियों ने 25 जनवरी को पत्र जारी करके प्रशासनिक पावर उन्हें दी है। एमएस अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर इस तरह के सरकारी कार्य में जान बूझकर बाधा पहुंचाने के काम कर रही हैं। गेट नंबर पांच आम जनता की सुविधा के लिए है। साथ ही यह फायर सेफ्टी के उद्देश्य से यह आपातकालीन गेट ऑफिस समय में खुला होना चाहिए। क्योंकि ऊपर लैब है। इस बारे में उच्च अधिकारियों व जिला प्रशासन को अवगत करवा दिया गया है। जल्द ही लिखित में भी दिया जाएगा।

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