सावन महीने का आखिरी सोमवार, शिव मंदिरों में हो रही विशेष पूजा अर्चना, उपवास का विशेष महत्व
सावन के सोमवार का महत्व बहुत अधिक होता है। 22 अगस्त को सावन का माह समाप्त हो जाएगा। सावन सोमवार के दिन विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भगवान शंकर धरती पर रहते हैं।
जागरण संवाददाता, झज्जर : 16 अगस्त यानी आज सावन का आखिरी सोमवार है। सावन के सोमवार का महत्व बहुत अधिक होता है। 22 अगस्त को सावन का माह समाप्त हो जाएगा। सावन सोमवार के दिन विधि-विधान से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन के महीने में भगवान शंकर धरती पर ही रहते हैं। दिवस विशेष को मद्देनजर रखते हुए मंदिरों में सुबह से भक्तों की भीड़ देखने को मिली। लोगों ने परिवार के साथ मंदिर में पहुंचते हुए अपने श्रद्धेय के प्रति भावना प्रकट करते हुए मंगल कामना की दुआ की। पंडित नरेंद्र शर्मा ने बताया कि धर्मग्रंथों में भोलेनाथ की कई स्तुतियां हैं, पुराणों के अनुसार सावन के सोमवार में शिवतांडव स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव जल्द प्रसन्न होते हैं। नियमित पाठ करने वालों को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं। इधर, जिला मुख्यालय सहित ग्रामीण आंचल के मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ देखने को मिली।
पंडित गुलशन शर्मा ने बताया कि सावन मास की शुरुआत 25 जुलाई से हुई थी। वर्तमान में चतुर्मास चल रहा है। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शंकर शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं। सावन के सोमवार का भी विशेष महत्व है। यह दिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस साल सावन का आखिरी सोमवार आज यानी 16 अगस्त को है। जिसके चलते मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जा रही हैं। मुहूर्त के हिसाब से भक्त अपने श्रद्धेय के प्रति अपने भाव प्रकट कर रहे हैं। सावन मास 22 अगस्त 2021, दिन रविवार से समाप्त हो रहा है। इस दिन शुक्ल पक्ष के पूर्णिमा तिथि है। सावन के आखिरी दिन धनिष्ठा नक्षत्र और शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है। सावन के बाद भाद्रपद शुरू हो जाएगा। जिसे भादो भी कहा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह छठा महीना होता है। भादो 23 अगस्त 2021 से शुरू होगा।
भय पर भारी पड़ती आस्था, उमड़ रही भीड़
मौजूदा समय में कोरोना की तीसरी लहर की आहट दिख रही है। हालांकि, इससे पहले के समय में सब कुछ सामान्य नजर आ रहा है, स्पष्ट हो रहा है कि कोरोना के भय पर आस्था भारी पड़ रही है। भक्तों की भीड़ से व्यवस्थाएं पूरी तरह ध्वस्त दिखती है। उमस भरी गर्मी में भीड़ के दबाव में लोगों का भी हाल बेहाल होता है। खास तौर पर भगवान शिव के मंदिर के अंरद ही नहीं बाहर भी सुबह से भक्तों की लाइन देखने को मिलीं।