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अपने दो छाटे बच्‍चों को घर छोड़ा, अब वर्ल्‍ड पुलिस गेम्स में स्वर्ण पदक के मुहाने पर टोहाना की सुनीता

सुनीता अग्रवाल ने 22 जुलाई से 31 जुलाई तक नीदरलैंड में चलने वाले वर्ल्‍ड पुलिस एंड फायर गेम्स की मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 68 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में जगह बना ली है। फाइनल तक का सफर सुनीता ने फिलीपींस एवं कजाकिस्तान की महिला बाक्सरों को हराकर तय किया है।

By Manoj KumarEdited By: Updated: Thu, 28 Jul 2022 11:15 AM (IST)
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सास-ससुर कर रहे बच्चों की देखभाल, सुनीता की हिसार में हुई है शादी, 29 जुलाई को होना है फाइनल मुकाबला

सतभूषण गोयल, टोहाना : टोहाना की बेटी और हिसार की बहु सुनीता अग्रवाल ने 22 जुलाई से 31 जुलाई तक नीदरलैंड में चलने वाले वर्ल्‍ड पुलिस एंड फायर गेम्स की मुक्केबाजी प्रतियोगिता के 68 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में जगह बना ली है। फाइनल तक का सफर सुनीता ने फिलीपींस एवं कजाकिस्तान की महिला बाक्सरों को हराकर तय किया है।

इस प्रतियोगिता में 55 देशों के पुलिसकर्मी विभिन्न खेलों में हिस्सा ले रहे हैं। मुक्केबाजी के फाइनल में पहुंंचने वाली सुनीता अग्रवाल मूलत: टोहाना की रहने वाली हैं और यहां के बजरंग माडल स्कूल की विद्यार्थी होने के साथ यहीं से स्कूल प्रिंसिपल विनय वर्मा से मुक्केबाजी के गुर भी सीखे हैं।

वर्तमान में सुनीता अग्रवाल का विवाह हिसार निवासी अनिल अग्रवाल से हुआ है जो एयरफोर्स में तैनात हैं। सुनीता फिलहाल मधुबन में बतौर हेड कांस्टेबल तैनात हैं। 29 जुलाई को सुनीता को अपना फाइनल मुकाबला खेलना है और उनके प्रतिद्वंदी का फैसला 28 जुलाई तक होगा।

तीन साल की बेटी और सात माह के बेटे को सास-ससुर के पास छोड़कर गई खेलों में हिस्सा लेने

सुनीता अग्रवाल बेहद साधारण परिवार है। सुनीता के पिता गुलाब राय मेहनत मजदूरी का कार्य करते है व माता गृहणी है। सुनीता के परिवार में माता-पिता के अलावा दो भाई व एक बहन है। सुनीता का विवाह हिसार निवासी अनील अग्रवाल से हुआ जो एयरफोर्स में कार्यरत है। विवाह के बाद ससुराल में जाने के बावजूद सुनीता ने बाक्सिंग से नाता नहीं तोड़ा और ससुरालजनों का सहयोग मिलने के बाद लगातार प्रैक्टिस में पसीना बहाती रही। इस कार्य में उसके ससुर नेकी राम व  सास शशि अग्रवाल खेलो में सहयोग कर रहे हैं।

सुनीता अपनी 3 साल की पुत्री अनाया व 7 माह के बेटे को परिवार में सास, ससुर के पास छोड पुलिस एंड फायर गेम्स में देश को स्वर्ण पदक दिलाने के लिए जी-जान से जुटी हुई है। सुनीता का सपना है कि वे अपने दमखम से अपने कोच विनय वर्मा, टोहाना क्षेत्र व देश का नाम विश्व भर में स्वर्ण पदक लाकर रोशन करना चाहती है। ज्ञात रहे कि  सुनीता अब तक दर्जनो बार राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण व रजत पदक प्राप्त कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है।

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