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सरहिंद और राजस्थान नहर के बीच लिंक हुआ खत्म, बनाया जा रहा है पुल

करीब एक वर्ष पूर्व इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के कारण लोहगढ़ गांव के समीप दोनों नहरों का लिंक करवाया गया था। सरहिंद के पानी को इंदिरा गांधी नहर के जरिए राजस्थान के 10 जिलों तक पानी पहुंचाया गया था।

By Naveen DalalEdited By: Updated: Tue, 03 May 2022 09:29 PM (IST)
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पेयजल देने के लिए लिंक बनाकर सरहिंद नहर का पानी राजस्थान नहर को दिया गया था।

डबवाली (सिरसा), संवाद सहयोगी। जल स्रोत विभाग पंजाब ने पुल बनाकर इंदिरा गांधी नहर तथा सरहिंद नहर में लिंक खत्म कर दिया है। हालांकि नहरबंदी 21 मई को समाप्त होनी है। ऐसे में आने वाले दिनों में राजस्थान के 10 जिलों में पेयजल संकट गहरा सकता है। जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग हनुमानगढ़ के अधिशाषी अभियंता दिनेश कूकणा ने सप्ताह पहले ही किसानों को मोघे बंद रखने की अपील की थी ताकि समुचित मात्रा में पेयजल भंडारण किया जा सके।

लोहगढ़ में होता था लिंकअप

सरहिंद नहर से सिर्फ भाखड़ा सिस्टम यानी श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ तक पानी पहुंचता था। करीब एक वर्ष पूर्व इंदिरा गांधी नहर की मरम्मत के कारण लोहगढ़ गांव के समीप दोनों नहरों का लिंक करवाया गया था। सरहिंद के पानी को इंदिरा गांधी नहर के जरिए राजस्थान के 10 जिलों तक पानी पहुंचाया गया था। ऐसे प्रयोग से बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, नागौर, चुरु, झुंझुनू और सीकर जिले को पानी दिया गया था। इस बार नहरबंदी के दौरान पुन: दोनों नहरों में लिंक करके राजस्थान को पेयजल के लिए सरहिंद से पानी दिया गया था।

यह फायदा होगा

जल स्रोत विभाग का कहना है कि डिजाइन के मुताबिक इंदिरा गांधी नहर की क्षमता 18,500 क्यूसेक है। सीपेज के कारण राजस्थान को करीब 1500 क्यूसेक पानी का नुकसान होता था। सरहिंद की री लाइनिंग लगभग हो चुकी है। राजस्थान नहर की री लाइनिंग का काम चल रहा है। बताया जाता है कि काम पूरा होने से लास खत्म हो जाएगा। बता दें, हरिके बैराज से निकलने के बाद 496 बुर्जी पर दोनों नहरे अलग-अलग हो जाती हैं।

एसडीओ के अनुसार

राजस्थान नहर की रि-लाइनिंग का काम चल रहा है। क्लोजर के दौरान यह काम करना होता है। इसलिए लोहगढ़ हेड के समीप 496 नंबर बुर्जी पर सरहिंद को राजस्थान नहर से लिंक किया जाता है, ताकि राजस्थान को पीने का पानी दिया जा सकें। इस बार भी ऐसा किया गया था।

-----अर्शदीप सिंह, एसडीओ, जल स्रोत विभाग, गिदड़बाहा (श्री मुक्तसर साहिब)