प्राणायाम के हैं कई फायदे, तन के साथ मन भी होता है मजबूत, जानें कुम्भक करने का सही तरीका
प्राणायाम के अभ्यास के कई फायदे होते हैं और इसे सुबह और शाम को कर सकते हैं। जब रक्त वाहिकाएं साफ होती हैं तो उससे आयु में भी वृद्धि होती है और फेफड़े साफ और मजबूत बनते हैं। मनुष्य में का खुद पर नियंत्रण करने की शक्ति बढ़ती है।
बहादुरगढ़, जागरण संवाददाता। तन को स्वस्थ रखने के लिए जिस तरह कसरत जरूरी है, ठीक उसी तरह मन को भी कसरत चाहिए। मन की इस कसरत का दूसरा नाम है प्राणायाम। इसकी बहुत सारी क्रियाएं हैं। इन्हीं में से एक है कुम्भक। इस प्राणायाम को मन की शांति और आंतरिक मजबूती के लिए जाना जाता है। योगायार्च अभिमन्यु बताते हैं कि कुम्भक की दो अवस्थाएं हैं। आंतरिक और बाहरी। आंतरिक कुम्भक में नासिका से वायु को अंदर खींचकर जितनी भी देर तक सांस को रोके रखना संभव हो तो उसे रोककर रखा जाता है। इसके बाद फिर धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़ दिया जाता है। जबकि बाहरी कुम्भक में वायु को बाहर छोड़ने के बाद जितनी देर तक सांस को रोकना संभव हो रोककर रखा जाता है और फिर धीरे-धीरे सांस खींच लिया जाता है।
कुम्भक प्राणायम से मनुष्य का खुद पर नियंत्रण
प्राणायाम के अभ्यास के कई फायदे होते है। सबसे बड़ा तो यह है कि मनुष्य का खुद पर नियंत्रण होता है। यानी उसका मन शांत होता है और संकल्प व संयम का विकास होता है। दूसरा इस प्राणायम से रक्त वाहिकाएं साफ होती हैं। जब रक्त में आक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी तो इसका तन और मन दोनों पर असर दिखेगा। शरीर में जब आक्सीजन लेवल ठीक रहता है ताे उससे बहुत से रोग खुद ही दूर रहते हैं।
बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है प्राणायाम
प्राणायाम का अभ्यास सुबह और शाम को कर सकते हैं। जब रक्त वाहिकाएं साफ होती हैं तो उससे आयु में भी वृद्धि होती है और फेफड़े साफ व मजबूत बनते हैं। नेत्र ज्योति का भी विकास होता है। वैसे तो यह प्राणायाम हर किसी के लिए फायदेमंद है, लेकिन पढ़ाने करने वाले बच्चों के लिए यह और भी फायदेमंद हो सकता है। शुरूआत में ज्यादा देर तक सांस को रोकने की कोशिश न करें। धीरे-धीरे अभ्यास से इसका समय बढ़ाएं। योग प्रशिक्षक से सलाह करके इसकी शुरूआत की जाए तो और बेहतर है।