हिसार के श्री तिरुपति बालाजी धाम में इस दिन से शुरू होगा नौ दिवसीय ब्रह्मोत्सव, दक्षिण भारतीय संस्कृति की दिखेगी झलक
हिसार में श्री तिरुपति बालाजी धाम में नौ दिवसीय ब्रह्मोत्सव 30 अक्टूबर से पूरे विधि-विधान से शुरू होने जा रहा है। इसमें उत्तर व दक्षिण भारतीय संस्कृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस प्रथम ब्रह्मोत्सव में जगद्गुरु रामानुजाचार्य त्रिदंडी जीयर स्वामी देवनारायणाचार्य विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। जीयर स्वामी तिरुपति बालाजी धाम के अध्यक्ष भी हैं इस दौरान मौजूद रहेंगे।
By Pawan KumarEdited By: Shoyeb AhmedUpdated: Wed, 25 Oct 2023 08:32 PM (IST)
जागरण संवाददाता, हिसार। उत्तर व दक्षिण भारतीय संस्कृति में सामंजस्य स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले श्री तिरुपति बालाजी धाम (Sri Tirupati Balaji Dham) में नौ दिवसीय ब्रह्मोत्सव (Nine Days Brahmotsav) 30 अक्टूबर से पूरे विधि-विधान से शुरू होगा।
सात नवंबर तक चलने वाले इस प्रथम ब्रह्मोत्सव में जगद्गुरु रामानुजाचार्य त्रिदंडी जीयर स्वामी देवनारायणाचार्य विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। जीयर स्वामी तिरुपति बालाजी धाम के अध्यक्ष भी मौजूद होंगे और उनके सान्निध्य में ही इस धाम का निर्माण हुआ है।
विशाल दिव्य रथ विशेष रहेगा आकर्षण का केंद्र
श्री तिरुपति बालाजी धाम के ब्रह्मोत्सव में लकड़ी का विशाल दिव्य रथ विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा। इस रथ का अपना अलग ही महत्व है। लकड़ी की नक्काशी से सुसज्जित एवं देवी-देवताओं की प्रतिमाओं से शोभायमान इस रथ की आभा देखने लायक होगी।ब्रह्मोत्सव हर रोज सुबह सात से रात्रि 10.30 बजे तक रहेगा जारी
ब्रह्मोत्सव हर रोज प्रात: सात बजे से रात्रि 10.30 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान सुबह व सायंकाल विभिन्न सवारी भी निकाली जाएंगी। श्री तिरुपति यज्ञशाला बलिपीठम्, 42 फुट ऊंचा सोने का श्री गरुड़ स्तंभ व श्रीनिवास गोशाला भी दर्शनीय हैं। अब तिरुपति धाम में 71 फुट ऊंचे गोपुरम का निर्माण कार्य प्रगति पर है।ये भी पढ़ें- Dwarka Expressway से एम्स झज्जर की राह होगी आसान, लाखों लोगों को होंगे ये फायदे; ई-भूमि नीति का होगा इस्तेमाल
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