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सिरसा में घंटाघर चौक से लेकर परशुराम चौक तक किया वन वे, बाजार में जाम से मिली निजात

घंटाघर चौक से लेकर परशुराम चौक तक वन वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू हो गई है। घंटाघर चौक से परशुराम चौक की तरफ चार पहिया वाहनों की एंट्री बैन है। इस ओर से जाने वाले वाहन सुरतगढ़िया बाजार व काठ मंडी होकर अपने गंतव्य की तरफ जा गए।

By Manoj KumarEdited By: Updated: Mon, 20 Dec 2021 01:48 PM (IST)
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सिरसा में बाजार में जाम की समस्‍या से निपटने के लिए कदम उठाया गया है
जागरण संवाददाता, सिरसा : सोमवार से शहर के घंटाघर चौक से लेकर परशुराम चौक तक वन वे ट्रैफिक व्यवस्था लागू हो गई है। घंटाघर चौक से परशुराम चौक की तरफ चार पहिया वाहनों की एंट्री बैन है। इस ओर से जाने वाले वाहन सुरतगढ़िया बाजार व काठ मंडी होकर अपने गंतव्य की तरफ जा गए। दोनों चौकों पर पुलिस कर्मी तैनात है। वन वे किए जाने के बाद बाजारों में जाम से कुछ राहत मिली है। इधर रोड़ी बाजार में भी चार पहिया वाहनों की एंट्री बंद कर दी गई है।

----जिला उपायुक्त अनीश यादव व पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन ने शहर में यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए प्लान बनाया था। शहर को जाम से निजात दिलवाने के लिए रोडवेज व निजी बसों की शहर में एंट्री बंद करके उन्हें बाइपास से गुजारने के निर्देश दिये थे। अब डबवाली, नोहर, भादरा, ऐलनाबाद, गंगानगर इत्यादि की तरफ जाने वाली बसें महारणाा प्रताप से बाइपास से होकर गुजरती है। बाजारों में बसें न आने से भी जाम में काफी हद तक राहत मिली है।

---हटाए जाएंगे डंपिंग प्वाइंटस

शहर में मुख्य बाजारों में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए आर्य समाज रोड पर मुख्य डाकघर के समीप बने कूड़ा डंपिंग प्वाइंट को हटाया जाएगा। यहां पार्किंग स्थल बनाया जाएगा, जिसमें बाजार में खरीदारी के लिए आने वाले लोग वाहन खड़ा कर सकेंगे। इस पार्किंग स्थल पर एक समय में 50 से 100 वाहन तक खड़े हो सकेंगे जिससे जाम की समस्या का समाधान हो जाएगा। इसके साथ ही मुख्य बस अड्डा के समीप बनें डंपिंग प्वाइंट को हटाया जाएगा। यहां खड़े होने वाले आटो चालकों को भी सड़क पर जाम न लगाने के निर्देश दिये गए हैं।

--रास नहीं आ रहा बसों का शहर में बंद करना

प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए शहर में से रोडवेज व प्राइवेट बसों की एंट्री बैन की है। बसों को महाराणा प्रताप चौक से होकर गुजरने के निर्देश दिये गए हैं। लेकिन लोग इस निर्णय से खुश नजर नहीं आ रहे हैं। लोगों का तर्क है कि बसों की आवाजाही बंद होने से आम लोगों को परेशानी हो रही है साथ ही उन पर अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा। बाजारों में दुकानदार भी इस निर्णय के खिलाफ है क्योंकि बसें बंद हो जाने के बाद उनके काम काज प्रभावित हो रहे हैं। प्रशासन के इस निर्णय का किसान संगठन भी विरोध जता चुके हैं, उनका कहना है कि बसें जब शहर में से गुजरती थी तो गांवों से आने वाले लोग बाजारों में खरीदारी कर लेते थे परंतु अब उन्हें बस स्टैंड से आना जाना पड़ रहा है।

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