TV में देखी थी संसद, पहली बार सदन के अंदर कदम रखे तो हुआ गर्व; हिसार की 100 से ज्यादा महिलाओं ने देखा सत्र
हिसार से दिल्ली संसद भवन और सत्र को देखने के लिए 100 से ज्यादा महिलाएं दो बस में गीत गाते हुए रवाना हुईं। संसद का सत्र देखने पहुंची महिलाओं को वहां बेहद खुशी हुई और उन्होंने अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने कहा कि आज गर्व महसूस हो रहा है जहां से देश चलता है वहां बैठकर हमने सांसद को सुना।
अमित धवन, हिसार। हिसार से दिल्ली संसद भवन और सत्र को देखने के लिए 100 से ज्यादा महिलाएं दो बस में गीत गाते हुए रवाना हुईं। वरिष्ठ भाजपा नेत्री व प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सरोज सिहाग, सीमा गैबीपुर, सुनीता रेड्ढू, भारतीय जनता पार्टी के हिसार के कोषाध्यक्ष तरुण जैन, वरिष्ठ नेता रणधीर धीरू बरवाला के नेतृत्व में गई इन महिलाओं का अनुभव काफी निराला रहा।
महिला आरक्षण बिल से महिला सशक्तीकरण को मिलेगी मजबूती
सभी पहली बार संसद में सत्र को देखकर खुश हुई। तरुण जैन ने कहा कि नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल के माध्यम से महिला सशक्तीकरण की दिशा में प्रभावी कदम उठाया गया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में पारित हो गया है।
महिला आरक्षण बिल पारित होना नए संसद भवन के शुभ होने का संकेत
जैन ने कहा कि विशेष सत्र के दौरान महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित होना नए संसद भवन के शुभ होने का संकेत है। इस भूकंपरोधी संसद भवन की दीवारों पर भारत की प्राचीन कलाओं और सांस्कृतिक विविधता के अद्भुत एकीकरण को उकेरा गया है।
संसद जाकर खुशी से बागबान हुई महिलाएं
दिल्ली आजतक नहीं गई थी। पहली बार गई तो जिस संसद को टीवी में देखते थे, सपने में जाने का नहीं सोचा था उसको देखा। राज महाराजाओं वाली भावना मन में पनपी। आज गर्व महसूस हो रहा है, जहां से देश चलता है वहां बैठकर हमने सांसद को सुना।
जब वह पहुंचे तो महिला आरक्षण बिल पर ही चर्चा हो रही थी। यह बात उन महिलाओं ने कहीं जो कभी संसद भवन नहीं गई थी। उनको कोई बिल या नियम लागू होने पर संसद का पता चलता था। यह सब बात उन महिलाओं ने व्यक्त की जो नए संसद भवन में विशेष सत्र की शुरूआत होने एवं महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित होने की खुशी में नए संसद भवन का अवलोकन करने के लिए महिला मोर्चा के साथ गई थी।
संसद देख पाऊंगी कभी सोचा भी नहीं था
सातरोड खास की अंजली शर्मा ने कगा कि परिवार में आजतक कोई नहीं गया। वहां बैठे थे तो राजा महाराजा वाली भावना मन में आ रही थी। देश को चलाने वाली संसद को कभी देख पाऊंगी कभी सोचा नहीं था। जिन नेताओं को टीवी बोलते देखते तो उनको सीधा देखा। देश की संसद में बैठकर गर्व महसूस हुआ। मेरे पास तो कहने के लिए शब्द ही नहीं है। समय कम था जो संसद ज्यादा नहीं देख पाए। मां ने मुझे जाने के लिए प्रेरित किया था।
संसद में महिलाओं की हो रही बात सुनकर हुई खुशी
सीमा शर्मा (जिला महामंत्री महिला माेर्चा, सातरोड खुर्द) ने कहा कि संसद देखकर बयां नहीं कर सकती थी कितनी खुशी हुई। महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए ही आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही थी। सुनकर अच्छा लग रहा था कि महिलाओं की बात संसद में हाे रही है। मेरी मां संतोष देवी और बेटी तनिष्का साथ थी। मां तो बहुत खुश है। ऐसा मौका जिंदगी में मिले जहां कभी जाने का नहीं साेचा था तो एक अलग अनुभूति हुई।
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महिलाओं को मिल रहा सम्मान है काबिले तारीफ
सातरोड की रहने वाली महिला मुकेश ने कहा कि संसद कभी नहीं देखी थी। सत्र के दौरान नेताओं के भाषण को सुना। संसद को देखा भी। एक अलग ही अहसास हुआ। कभी सोचा नहीं था कि वह संसद में जाकर उसे देख पाऊंगी। पहली बार जाना हुआ। देश को चलाने वाले महिलाओं को जो सम्मान दिया जा रहा है वह काबिले तारीफ है।
पहली बार दिल्ली और पहली बार संसद गईं यह महिला
विशाल नगर की बिमला देवी ने कहा कि मैं तो दिल्ली कभी नहीं गई थी। दो दिन पहले मुझे कहां की दिल्ली संसद देखने चलेंगे। आजतक टीवी पर देखते आ रहे थे। पड़ोस की महिलाएं मतलेश व अन्य भी गई। किसी से बातचीत तो नहीं हुई। संसद में बैठकर नेताओं काे सुना। अंदर गए तो संसद को देखकर दिल खुश हो गया। बेटी साथ थी। बस में वापस आते हुए मैंने राष्ट्रपति भवन भी देखा।
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