हरियाणा के बजट पर लोगों ने दी मिलीजुली प्रतिक्रिया, जानें रोहतक की जनता की राय
हरियाणा सरकार ने महिला सुरक्षा शिक्षा और महिला सशक्तिकरण आदि से संबंधित लोगों के सुझाव बजट में शामिल किया है। बजट के बाद कुछ लोगों ने जहां बजट की सराहना की है तो कुछ ने अलाचना भी की है।
रोहतक, जागरण संवाददाता। हरियाणा सरकार की ओर से विधानसभा में मंगलवार को पेश किए गए बजट को लेकर लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया प्रकट की है। महिलओं के सशक्तिकरण के लिए बस सुविधा, सस्ती दर पर लोन को लोगों ने सराहा। वहीं, कृषि क्षेत्र को राहत नहीं मिलने की बात किसानों ने कही। महिला सुरक्षा को लेकर दैनिक जागरण के सुझाए पहलुओं का बजट में ध्यान रखा गया है।
बजट पर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रया
दरअसल, बजट से पहले दैनिक जागरण की ओर से अलग-अलग वर्गों के लोगों के सुझाव लेने के लिए पैनल डिस्कशन कराए गए थे। जिसके बाद उनके सुझावों को प्रदेश सरकार को सौंपा गया। हालांकि सरकार ने उनमें से महिला सुरक्षा, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण आदि से संबंधित कुछ सुझाव बजट में शामिल भी किए हैं, लेकिन कुछ सुझाव ऐसे भी रह गए हैं इस बार बजट में शामिल नहीं हुए हैं। बजट के बाद कुछ लोगों ने जहां बजट की सराहना की है तो कुछ ने अलाचना भी की है।
अधिवक्ता के अनुसार
महिलाओं को कम ब्याज दर पर लोन देने की स्कीम महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी। छोटे रोजगार महिलाएं शुरू कर सकेंगी। सिलाई, श्रृंगार या अन्य कोई क्षेत्र में महिलाएं छोटा रोजगार चलाती हैं तो यह सबसे नीचले स्तर से सशक्तिकरण का काम होगा। सरकार ने यह अच्छा कदम उठाया है।
----अनीता बुधवार, अधिवक्ता।
छात्र के अनुसार
लड़कियों को घर से कालेज जाते हुए काफी परेशानी होती है। बसों की सुविधा अच्छी करने से खासकर गांव से शहर पढ़ने आने वाली छात्राओं को काफी फायदा होगा। वह सुरक्षा के भावना से घर से निकल सकेगी। घर वाले भी बेटियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित नहीं होंगे।
---- दिव्या, छात्रा।
शिक्षक के अनुसार
माडल संस्कृति स्कूलों की संख्या बढ़ावा देना सराहनीय कदम है। सरकारी स्कूलों में बेहतर सुविधा मिलने से ज्यादा से ज्यादा बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी। बढ़ती महंगाई और प्राइवेट स्कूलों में महंगी फीस से राहत मिलेगी। सरकार ने दूरदर्शिता दिखाई है।
- संदीप नैन, शिक्षक।
किसानों के अनुसार
बजट में किसानों को लेकर राहत नहीं दी गई है। किसान और कमेरे वर्ग के लिए कोई खास प्रविधान नहीं है। आंकड़ों में उलझा दिया गया है। महामारी ने पहले ही लोगों की कमर तोड़ दी है। प्रदेशवासियों को बजट को लेकर खास उम्मीद थी लेकिन, उम्मीदाें पर बजट खरा नहीं उतरा है। बजट में किसानों को लेकर सरकार को कुछ करना चाहिए था।
- अनिल नांदल, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन अंबावता।
किसानों को कर्जा मुक्ति किए जाने की थी आशा
कृषि क्षेत्र जिस तरह के संकट से जूझ रहा है, इसपर कुछ खास कार्य नहीं किए गए हैं। प्रदेश बेरोजगारी और महंगाई के मामले में देशभर में सबसे ऊपर है लेकिन इस बजट में दोनों ही मामलों में कोई राहत प्रदान नहीं की गई। गरीब किसानों को कर्जा मुक्ति किए जाने की आशा थी, लेकिन वह नहीं किया गया।
- प्रीत सिंह, राज्य कमेटी, अखिल भारतीय किसान सभा।